ICMR बड़ा बयान, कहा- सबसे पहले खोले जाएं Primary Schools, बताई ये बड़ी वजह
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ICMR बड़ा बयान, कहा- सबसे पहले खोले जाएं Primary Schools, बताई ये बड़ी वजह

कोरोना वायरस की खतरा कम होता देख लोगों को अब पाबंदियों से राहत मिलने लगी है. इसी बीच बच्चों के स्कूल खोने जाने की मांग भी तेज हो गई है.

ICMR बड़ा बयान, कहा- सबसे पहले खोले जाएं Primary Schools, बताई ये बड़ी वजह

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की खतरा कम होता देख लोगों को अब पाबंदियों से राहत मिलने लगी है. इसी बीच बच्चों के स्कूल खोने जाने की मांग भी तेज हो गई है. इतना ही नहीं अब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने भी स्कूल खोलने की वकालत की है.

बलराम भार्गव ने बीते मंगलवार को कहा कि ‘भारत में स्कूलों को फिर से खोलने की शुरूआत प्राइमरी स्कूलों से करना समझदारी भरा कदम होगा. उन्होंने इसके पीछे का तर्क भी बताते हुए कहा कि बच्चों में कम संख्या में ऐस रिसेप्टर होते हैं जिनमें वायरस चिपकते हैं, ऐसे में वे वयस्कों की तुलना में वायरस संक्रमण से कहीं बेहतर तरीके से निपट सकते हैं.’

जानें, क्या है ऐस रिसेप्टर

‘ऐस रिसेप्टर’ एक ऐसा प्रोटीन हैं जो कोरोना वायरस का एंट्री गेट होता है. इसमें वायरस आसानी से चिपक जाता है और कई सारी मानव कोशिकाओं को संक्रमित करता है. भार्गव ने जोर देते हुए कहा कि ‘इस तरह के कदम पर विचार करने की जरूरत होगी, यह जरूर सुनिश्चित करना होगा कि स्कूली शिक्षकों और अन्य सहायक कर्मचारियों का वैक्सीनेशन किया जाए.’

उन्होंने आगे बताया कि ‘ICMR के हालिया राष्ट्रीय सीरो सर्वे में पाया गया है कि 6 साल से 6 साल की आयु के बच्चों में एंटीबॉडी 57.2 प्रतिशत होती है, जो बहुत हद तक वयस्कों के समान है.’ कई जिलों में कोविड-19 के मामले घट जाने को लेकर स्कूलों को खोलने के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा कि ‘वयस्कों की तुलना में बच्चे संक्रमण से कहीं बेहतर निपट सकते हैं और उनमें कम संख्या में ‘ऐस रिसेप्टर’ होते हैं जिनमें वायरस चिपकते हैं.’

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स्कूल के स्टाफ का जरूर हो वैक्सीनेशन

भार्गव ने कहा ‘कुछ देशों में, खास तौर पर स्कैंडेनेवियाई देशों (डेनमार्क, नार्वे और स्वीडन) में पहली,  दूसरी और तीसरी लहर के दौरान प्राइमरी स्कूलों को बंद नहीं किया था, चाहे वहां कोविड की जो भी लहर रही हो, उनके प्राइमरी स्कूल हमेशा खुले रहे.’

इसी के साथ ICMR के DG ने कहा कि ‘इसलिए, एक बार जब भारत स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार करेगा तब इसकी शुरूआत सेकंडरी की बजाय प्राइमरी स्कूलों से करना समझदारी भरा कदम होगा. साथ ही, हमें सुनिश्चित करना होगा कि सभी सहयोगी कर्मचारी, चाहे स्कूल बस ड्राइवर हों या टीचर हों,  सभी का वैक्सीनेशन जरूर हो रखा हो.’

बता दें कि इससे पहले AIIMS निदेशक स्कूलों को खोलने की बात कह चुके हैं. उन्होंने कहा था कि ‘अब स्कूल खुल जाने चाहिए, लेकिन यह काम उन जिलों में शुरू किया जाए जहां कोरोना के केस काफी कम हैं. ऐसे जिले जिनमें संक्रमण की दर 5% से भी कम है, वहां स्कूलों को फिर से खोला जा सकता है, ज्यादातर बच्चों की इम्युनिटी काफी मजबूत है और वे वायरस से निपटने में सक्षम हैं.’

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