राजस्थान से हरियाणा की सीमा में स्पीड से घुस रहा बारिश का पानी, ग्रामीणों के साथ प्रशासन के लिए भी बना चिंता का विषय
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राजस्थान से हरियाणा की सीमा में स्पीड से घुस रहा बारिश का पानी, ग्रामीणों के साथ प्रशासन के लिए भी बना चिंता का विषय

बस अड्डे में पानी, रेलवे स्टेशन में पानी, बाजारों में पानी, मुख्य चौराहों पर पानी, इतना ही नहीं सरकारी अस्पताल के बाहर भी पानी.

राजस्थान से हरियाणा की सीमा में स्पीड से घुस रहा बारिश का पानी, ग्रामीणों के साथ प्रशासन के लिए भी बना चिंता का विषय

मनोज गोस्वामी नारनुल/रेवाड़ी: बस अड्डे में पानी, रेलवे स्टेशन में पानी, बाजारों में पानी, मुख्य चौराहों पर पानी, इतना ही नहीं सरकारी अस्पताल के बाहर भी पानी. जरा सी बारिश क्या हुई जिला मुख्यालय से लेकर जिला के अनेक गांव पानी से लबालब हो गए ये हाल कहीं और का नहीं, बल्कि उस पीतल नगरी रेवाड़ी का है, जिसे लेकर पिछले दिनों प्रदेश के मुखिया ने कई बड़े दावे किए थे.

उन्होंने कहा था कि शहर में स्ट्रांग वाटर ड्रेनेज सिस्टम डाल दिया गया है. मगर इसके बावजूद भी शहर में पानी-पानी होना न केवल सिस्टम पर उंगली उठा रहा है, बल्कि हल्की सी बारिश में हुआ ये जलभराव प्रशासन के दावों की पोल भी खोल रहा है. शहर में जलभराव इतना भारी कि न केवल दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर घर बैठने को मजबूर हो गए.

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इतना ही नहीं गलियों और सड़कों से लोगों का निकलना तक दूभर हो गया है. पूरा शहर बारिश के पानी से किस कदर लबालब है और शहर की ऐसी कोई गली मोहल्ला या सड़क बाकी नहीं, जहां जलभराव न हुआ हो, जिसके चलते शहर की सड़कें तालाब का रूप ले चुकी है. इन सड़कों से जहां वाहनों का निकलना मुश्किल हो गया है तो वही बस अड्डा और रेलवे स्टेशन के सामने जमा पानी ने यात्रियों की भी मुश्किलें बढ़ा दी है.

इतना ही नहीं, राजस्थान से हरियाणा की सीमा में स्पीड से घुस रहा बारिश का पानी ग्रामीणों के साथ प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. दोनों राज्यों की सीमा से लगते जिला के गांव खंडोडा में सड़कें जलमग्न हो गई है. खेत पानी से लबालब हो चले हैं. दिल्ली जयपुर हाईवे पर किसान आंदोलन के चलते इस जलभराव के बीच यातायात जाम की समस्या तक पैदा हो गई है और काफी संख्या में वाहन जाम में फंसे हुए हैं.

बता दें कि शहर में जलभराव होता देख DC यशेंद्र सिंह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शहर का जायजा लेने के लिए निकल. नागरिक अस्पताल के सामने हो रहे जलभराव को लेकर उन्होंने मौके पर ही जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए पंपसेट लगवाकर बरसाती पानी की निकासी शुरू कराई. इसके अलावा अन्य कई स्थानों पर भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पंपसेट लगाकर पानी निकासी कराने के निर्देश दिए हैं.

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मीडिया से बात करते हुए उपायुक्त यशेंद्र सिंह ने कहा कि ‘अगले साल तक शहर में पानी निकासी की समस्या नहीं रहने दी जाएगी. बहरहाल सभी स्थानों पर पानी निकासी के प्रबंध कराने के निर्देश दे दिए गए हैं. जल्द ही इस समस्या को भी दूर कर दिया जाएगा.’

ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री के दावे में कितनी सच्चाई है. मगर कुछ भी हो,  ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मौसम विभाग द्वारा समय से पूर्व दी जा रही चेतावनी के बावजूद प्रशासन ने पानी निकासी के प्रबंध क्यों नहीं करवाए. अगर जल्द ही पानी निकासी के प्रबंध नहीं किए गए तो बीते दिन शुरू हुई मानसून की बारिश में जिला के हालात बद से बदतर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

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