हरियाणा के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 10 जुलाई तक कर दिया जाएगा- सहकारिता मंत्री
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हरियाणा के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 10 जुलाई तक कर दिया जाएगा- सहकारिता मंत्री

हरियाणा में गन्ना किसानों की बकाया राशि का भुगतान आगामी 10 जुलाई, 2021 तक शत-प्रतिशत कर दिया जाएगा। यह जानकारी आज यहां हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ (शुगरफेड) के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में दी। 

हरियाणा के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 10 जुलाई तक कर दिया जाएगा- सहकारिता मंत्री

साक्षी शर्मा/चंडीगढ़ : हरियाणा में गन्ना किसानों की बकाया राशि का भुगतान आगामी 10 जुलाई, 2021 तक शत-प्रतिशत कर दिया जाएगा। यह जानकारी आज यहां हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ (शुगरफेड) के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में दी। उन्होंने बताया कि हाल ही के पिराई सीजन 2020-2021 के दौरान सहकारी चीनी मिलों ने 429.35 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की है जिसकी कुल राशि 1500.83 करोड़ बनती है जिसमें से 1082.16 करोड़ रूपए की राशि गन्ना किसानों को दी जा चुकी है तथा शेष राशि आगामी 10 जुलाई तक अदा कर दी जाएगी।

हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने सोमवार को हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ (शुगरफेड) के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अच्छा काम करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा की और कहा कि हमें इसी प्रकार इस सीजन में भी कार्य करना हैं और जो कमियां पिछले सीजन में रह गई है उन्हें दूर भी करना है।  उन्होंने कहा कि हमें अपनी कार्य प्रणाली में लगातार सुधार लाने की आवश्यकता हैं ताकि कम खर्च में मिलों को चलाने का काम किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देेते हुए कहा कि मिलों में रख-रखाव व मरम्मत के जरूरी कार्य को ही किया जाए ताकि हम कम खर्च में ही मिलों को संचालित कर सकें । उन्होंने कहा कि हमें मिलों को संचालित करने के लिए धारणा को बदलना है और मिलों को घाटे से उभारने के साथ-साथ सभी मिलों को लाभ की स्थिति में भी लाना है।बैठक में बताया गया कि पिराई सीजन 2020-21 में 429.17 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई जबकि पिराई सीजन 2019-20 में 371.86 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई थी।

इसी प्रकार, पिराई सीजन 2020-21 में 41.97 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया जबकि पिराई सीजन 2019-20 में 37.41 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया था। बैठक में बताया गया कि पिराई सीजन 2020-21 में 87.59 प्रतिशत क्षमता उपयोग किया गया जबकि पिराई सीजन 2019-20 में 86.13 प्रतिशत क्षमता उपयोग किया गया था। ऐसे ही, पिराई सीजन 2020-21 में 36.08 करोड़ रूपए की 7.53 करोड़ यूनिट बिजली बेची गई जबकि पिराई सीजन 2019-20 में 32.19 करोड़ रूपए की 6.83 करोड़ यूनिट बिजली बेची गई थी।  बैठक में मंत्री को अवगत कराया गया कि महम, कैथल और पलवल की सहकारी चीनी मिलों द्वारा  2020-21 के पिराई सीजन के दौरान 630.16 क्विंटल गुड़ का उत्पादन किया गया। इसी प्रकार, कैथल की सहकारी चीनी मिल में बायो-फयूल के लिए परियोजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है जिसे जल्द ही अन्य सहकारी चीनी मिलों में भी शुरू किया जाएगा।

बैठक के दौरान सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि जिन चीनी मिलों में कर्मियों व अधिकारियों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है उन्हें इंन्सेटिंव दिया जाएगा और यदि किसी कर्मचारी या अधिकारी के कार्य में कोई कोताही दिखाई देगी तो उसे दंडित भी किया जाएगा। बैठक में श्री कौशल ने कहा कि मिलों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा करें ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार कोई समस्या न हो। उन्होंने सहकारी चीनी मिलों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों की ऑनलाईन बिक्री पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस ऑनलाईन बिक्री के कार्य को अन्य मिलों में भी शुरू किया जाएगा। बैठक में शुगरफेड के प्रबंध निदेशक जितेन्द्र कुमार ने सहकारिता मंत्री व सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को आश्वासन देते हुए कहा कि दिए गए निर्देशों की अक्षरश: अनुपालना की जाएगी और निर्धारित समयसीमा के भीतर सभी कार्यों को पूरा कर लिया

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