देश में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है. इसके साथ ही दिल्ली और देशभर में सूखे मेवों की कीमत में काफी इजाफा हो गया है.
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नरेंद्र शर्मा/फरीदाबादः देश में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है. इसके साथ ही दिल्ली और देशभर में सूखे मेवों की कीमत में काफी इजाफा हो गया है. सब समझ रहे हैं कि अफगानिस्तान संकट की वजह से यहां ड्राई फ्रूट्स की कीमत बढ़ी है. लेकिन, इसके पीछे बड़ी वजह ड्राई फ्रूट्स की कम पैदावार और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंटेनर्स की कमी को बताया जा रहा है.
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तो वहीं, फरीदाबाद में भी दुकानदारों ने इसका सामना करते हुए बताया कि ‘दुनिया का 83 फीसदी बादाम कैलिफोर्निया में पैदा होता है. सात फीसदी बादाम की पैदावार ऑस्ट्रेलिया में होती है. कैलिफोर्निया में क्रॉप ईयर 2021 का बादाम अगस्त में निकलना शुरू हो गया है. अभी हम जो बादाम खा रहे हैं. वह क्रॉप ईयर 2020 का है. उस साल वहां करीब 3.2 बिलियन पाउंड पैदावार हुई थी.’
उन्होंने आगे बताया कि ‘क्रॉप ईयर 2021 में 2.8 बिलियन पाउंड बादाम निकलने का अनुमान है. यानी उत्पादन में करीब 11 फीसदी की कमी. बादाम का भाव बढ़ने का पहला कारण यही है. ड्राई फ्रूट्स की कीमत बढ़ने की दूसरी वजह है शिपिंग. इसके लिए समय पर कंटेनर नहीं मिलना.’ रवींद्र मेहता का कहना है कि ‘कोविड के दौर में अमेरिका ने अपने लोगों को राहत के नाम पर 2 से 3 ट्रिलियन डॉलर बांटे हैं.’
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उन्होंने बताया कि ‘ऐसा इसलिए, ताकि मार्केट में डिमांड बनी रहे. इन पैसों से लोगों ने काफी सामान खरीदा, जिसकी सप्लाई चीन ने की. अभी काफी ऑर्डर क्रिसमस तक पूरे करने हैं. दुनियाभर के अधिकतर जहाज और कंटेनर इसी सप्लाई में लग गए हैं. शिपिंग कंपनियों के यहां से कई गुना अधिक मुनाफा कमाने को मिल रहा है. यही वजह है कि जुलाई में जो बादाम 600 रुपये किलो मिल रहा था, उसका रेट अब 1000 रुपये से ऊपर हो गया है.’
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