देवभूमी हिमाचल में एक ऐसा शिवलिंग देखने को मिला जो अपने आप में ही अद्भुत है. हर तरफ बर्फ की सफेद चादर और उसके बीचोंबीच बर्फ का बना शिवलिंग. ये नजारा मनाली के सोलंगनाला का हैं, जहां बर्फ का 20 फीट ऊंचा शिवलिंग बना है.
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चंडीगढ़- 'हिम का आंचल' यानी हिमाचल खुबसूरती के नाम में सबसे शानदार है. पहाड़ों के बीच बसी देवों की भूमि देशभर में अपनी कईं अतरंगी चीजों के लिए जानी जाती है.
दूर दूर से लोग हिमाचल की सुंदरता देखने के लिए आते हैं. फिर चाहे वो हिमाचल का नजारा हो, लोगों की देवी देवताओं के प्रति मान्यता हो या फिर हर गांव हर शहर का रहस्य ही क्यों न हो. हर शक्स अद्भुत हिमाचल की कहानी को जानने के लिए बेताब रहता हैं.
बर्फ का बना शिवलिंग
मान्यता है कि देवभूमी हिमाचल में साक्षात देवी-देवताओं का राज है. ऐसा ही एक उद्धारण मनाली में देखने को मिला, जहां पहाड़ों के बीच एक ऐसा शिवलिंग देखने को मिला जो अपने आप में ही अद्भुत है.
हर तरफ बर्फ की सफेद चादर और उसके बीचोंबीच बर्फ का बना शिवलिंग. ये नजारा मनाली के सोलंगनाला का हैं, जहां बर्फ का 20 फीट ऊंचा शिवलिंग बना है.
कुदरत का कमाल-
बर्फ से बने इस 20-25 फीट लंबे ‘शिवलिंग’ के दर्शन करने के लिए भक्तों और पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है. यह शिवलिंग बाबा अमरनाथ के शिवलिंग से भी बड़ा बताया जा रहा है.
बता दें कि यहां हर साल सर्दियों में प्राकृतिक शिवलिंग बनता है. श्रद्धालुओं की माने तो यह शिवलिंग साक्षात भगवान शिव हैं, जो कुदरत से बने बर्फ के शिवलिंग से अपने भक्तों को दर्शन दे रहें हैं. इस शिवलिंग की ऊंचाई हर साल बढ़ती और घटती रहती है. इस बार तकरीबन 20-25 फीट शिवलिंग बना है.
पहाड़ के नीचे बाबा की कुटिया-
बता दें की इस शिवलिंग के साथ ही पहाड़ के नीचे बाबा की कुटिया है, जिसमें पिछले कई सालों से बाबा ‘प्रकाश पुरी’ रहते थे. कुछ साल पहले उनकी मृत्यु के बाद उनके शिष्य इस कुटिया में रहकर बाबा की पूजा करते है.
बताया जाता है कि यहां पर माता अंजनी ने पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या की थी और उनकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव प्रकट हुए थे. कहा जाता है की भगवान शिव माता अंजनी की तपस्या से खुश होकर अपना आकार बदलते हैं.
मंदिर पुजारी ने बताया कि सतयुग से बनते आ रहे इस शिवलिंग की खोज बाबा प्रकाश पुरी ने की थी. भक्तों की भीड़ को देखकर ये कहा जा सकता है की लोगों की इस स्थान के प्रती काफी मान्यता है.