याची ने बेंच से कहा कि सरकार का यह आदेश हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 158 के खिलाफ है.
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नितिका माहेश्वरी/चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत सरकार ने एक आदेश जारी कर सरकारी स्कूलों में दाखिलों के दौरान स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SLC) की अनिवार्यता खत्म कर दी थी. सरकार के आदेश के तहत सभी निजी स्कूलों को 15 दिन में ऑनलाइन SLC जारी करने का निर्देश दिया गया है.
याचिकाकर्ता ने बेंच को बताया कि सरकार के आदेश के तहत सभी निजी स्कूलों को 15 दिन के भीतर ऑनलाइन SLC जारी करने का निर्देश दिया गया है. अगर कोई प्राइवेट स्कूल संचालक 15 दिन के भीतर एसएलसी जारी नहीं करता है तो स्वाभाविक रूप से एसएलसी को जारी हुआ मान लिया जाएगा और संबंधित विद्यार्थी का नियमित दाखिला कर दिया जाएगा.
याची ने बेंच से कहा कि सरकार का यह आदेश हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 158 के खिलाफ है. सरकार का यह आदेश मनमाना है. याची के वकील ने कहा कि इस मामले में सरकार खुद असमंजस में है. एक तरफ तो सरकार निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की छूट दे रही है और ट्यूशन फीस न देने वाले छात्रों के नाम काटने की इजाजत भी दी है, लेकिन दूसरी तरफ एसएलसी के बारे में यह आदेश विरोधाभासी है.
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सरकार के इस आदेश से निजी स्कूलों के बच्चे स्कूल की फीस व अन्य शुल्क की अदायगी के बगैर सरकारी स्कूल में दाखिले ले रहे हैं, जिसकी वजह से निजी स्कूलों की वित्तीय हालत काफी दयनीय हो रही है. इतना ही नहीं MIS जहां पर स्कूली छात्रों का डाटा अपडेट होता है, उसमें भी बगैर एसएलसी लिए प्रवेश लेने वाले छात्रों को सरकारी स्कूल का छात्र दिखाया जा रहा है. याची संगठन ने हाईकोर्ट से सरकार के इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की है.