Neeraj Chopra ने Tokyo Olympics के फाइनल में बनाई जगह, पहली कोशिश में मेडल की जागी उम्मीद
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Neeraj Chopra ने Tokyo Olympics के फाइनल में बनाई जगह, पहली कोशिश में मेडल की जागी उम्मीद

भारतीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा जेवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंच गए हैं. नीरज चोपड़ा ने पहले ही राउड में 86.65 मीटर के साथ 83.50 मीटर का क्वॉलिफिकेशन मार्क हासिल कर लिया है. 

Neeraj Chopra ने Tokyo Olympics के फाइनल में बनाई जगह, पहली कोशिश में मेडल की जागी उम्मीद

नई दिल्‍लीः भारतीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा जेवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंच गए हैं. नीरज चोपड़ा ने पहले ही राउड में 86.65 मीटर के साथ 83.50 मीटर का क्वॉलिफिकेशन मार्क हासिल कर लिया है. अपने पहले ओलंपिक और पहले ही प्रयास में जिस तरह नीरज जिस तरह से प्रदर्शन किया है उससे मेडल की उम्मीद ओर भी ज्यादा बढ़ गई है. इससे पहले 2018 में नीरज ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था.

उस वक्त नीरज ने 88.06 मीटर दूर भाला फेंका था. ये नेशनल रिकॉर्ड भी रह चुका है और अब पूरे देश को 7 अगस्त का इंतजार है, जब एक बार फिर से भारतीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा इतिहास रचने के लिए मैदान पर उतरेगा, बता दें कि मैंस जेवलिन थ्रो का फाइनल 7 अगस्‍त को खेला जाएगा. दावेदार माने जा रहे वेट्टर ने दो कोशिशों में 82.04 और 82.8 मीटर का थ्रो किया.

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नीरज ने जगाई आस

बताते चले कि नीरज ग्रुप A थे और दोनों ग्रुप से कुल 12 खिलाड़ी फाइनल तक पहुंचेंगे. नीरज अपने ग्रुप में 15वें पोजीशन पर थे और जब उनकी बारी आई तो उन्‍होंने मार्क को पार करके फाइनल के लिए क्‍वॉलिफाई कर लिया. ग्रुप A से फाइनल के लिए नीरज समेत 3 खिलाड़ियों ने सीधे क्‍वॉलिफाई किया है.

और बेहतर करना होगा- नीरज

फाइनल में जगह बनाने के बाद नीरज ने कहा कि ‘भारत को ट्रैक एवं फील्ड में ओलंपिक का पहला पदक दिलाने की दावेदारी मजबूत करने के लिए उन्हें इस प्रदर्शन को दोहराते हुए बेहतर दूरी तय करनी होगी. 23 साल के चोपड़ा 86.65 मीटर के प्रयास के साथ क्वॉलिफिकेशन में शीर्ष पर रहते हुए ओलंपिक फाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी बने.’

नीरज ने आगे कहा कि ‘मैं अपने पहले ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहा हूं और काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं. वार्म अप के दौरान मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं था. लेकिन, पहले थ्रो (क्वॉलिफाइंग दौर में) में मैंने अच्छा कोण हासिल किया और यह परफेक्ट थ्रो थी.’

उन्होंने आगे कहा कि ‘यह फाइनल बिलकुल अलग अहसास होगा. क्योंकि यह मेरा पहला ओलंपिक है. शारीरिक रूप से हम सभी कड़ी ट्रेनिंग करते हैं और तैयार हैं, लेकिन मुझे मानसिक रूप से तैयार होने की भी जरूरत है. मुझे अपने थ्रो पर ध्यान देने की जरूरत है और अधिक दूरी के साथ इस प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करूंगा. कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपिक से पहले तैयारी काफी मुश्किल रही.’

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उन्होंने कहा कि ‘पिछला साल काफी मुश्किल था क्योंकि हम ओलंपिक के लिए तैयार थे और कोरोना वायरस के कारण सब कुछ बंद हो गया. हम थोड़े दुखी थे लेकिन इसके बाद नियमित ट्रेनिंग शुरू की. हमें प्रत्येक दिन ट्रेनिंग करने की जरूरत थी इसलिए यह मुश्किल था. लेकिन, जब जापान ने कहा कि वे ओलंपिक का आयोजन करेंगे तो हम मानसिक रूप से तैयार हो गए और कड़ी ट्रेनिंग की.’

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