2007 में सब जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में मेडल जीतकर नाम किया रोशन, अब ओलंपिक में लेने जा रहे हैं हिस्सा
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2007 में सब जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में मेडल जीतकर नाम किया रोशन, अब ओलंपिक में लेने जा रहे हैं हिस्सा

आज हम आपको हरियाणा के सोनीपत में हॉकी के ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद ही गरीब परिवार से हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपना होसला नहीं छोड़ा और आज वह ओलंपिक हॉकी टीम के खिलाड़ी बन गए है.

2007 में सब जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में मेडल जीतकर नाम किया रोशन, अब ओलंपिक में लेने जा रहे हैं हिस्सा

राजेश खत्री/सोनीपत: आज हम आपको हरियाणा के सोनीपत में हॉकी के ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद ही गरीब परिवार से हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपना होसला नहीं छोड़ा और आज वह ओलंपिक हॉकी टीम के खिलाड़ी बन गए है. परिवार और ग्रामीणों में खुशी की लहर है.

सोनीपत जिले के गांव कुराड में यह ओलंपिक हॉकी टीम का हिस्सा बन चुके सुमित का घर है, इस घर में उसने के भाइयों और भाभी और ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. सब भगवान से यही दुआ कर रहे हैं कि सुमित ओलंपिक में मेडल लेकर देश और हरियाणा का नाम रोशन करें.

गरीब परिवार से होने के बाद नहीं छोड़ी उम्मीद

बता दें कि सुमित ने साल 2004 में हॉकी खेलना शुरू किया था और बेहद गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज यह साबित कर दिखाया कि मेहनत ही इंसान को ऊंचाइयों पर ले कर जाती है. सुमित ने सबसे पहले साल 2007 में सब जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में मेडल जीतकर सोनीपत का नाम रोशन किया था.

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इसके बाद वह लगातार आगे बढ़ते रहे और मलेशिया में खेलते हुए साल 2016 में भी जूनियर वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक हासिल किया. इसी तरह से साल 2017 में मलेशिया में आयोजित हुए हॉकी मुकाबलों में कांस्य पदक हासिल किया. उसके बाद भी सुमित लगातार आगे बढ़ते हुए साल 2018 में ओमान में हुए एशियन चैंपियनशिप ट्रॉफी में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया.

हरियाणा और देश का नाम फिर करेंगे रोशन

इसके बाद 2019 में भी मलेशिया में हुए हॉकी मुकाबलों में रजत पदक हासिल कर देश का नाम रोशन किया और अब ओलंपिक में खेल कर एक बार फिर से हरियाणा व देश का नाम रोशन करने के लिए मैदान में उतरेंगे. ग्रामीण और उनके सहयोगी बताते हैं कि सुमित बहुत ही मेहनती है. वह होटल में कार्य करने के बाद भी हॉकी के ग्राउंड में जाकर काफी मेहनत करता था.

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गौरतलब है कि एक गरीब परिवार से ओलंपिक तक के सफर पर जाने वाले होनहार खिलाड़ी सुमित अब 25 साल के हैं. अमित के पिता प्रताप सिंह मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं और उनकी मां दर्शना का साल 2020 देश में देहांत हो चुका है.

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