EPFO: नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर, नौकरी बदलने के समय मिलेगी यह सहूलियत
Advertisement

EPFO: नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर, नौकरी बदलने के समय मिलेगी यह सहूलियत

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय बोर्ड की शनिवार को हुई बैठक के बाद नौकरीपेशा लोगों के लिए एक राहत भरी खबर निकलकर सामने आई है.

EPFO: नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर, नौकरी बदलने के समय मिलेगी यह सहूलियत

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय बोर्ड की शनिवार को हुई बैठक के बाद नौकरीपेशा लोगों के लिए एक राहत भरी खबर निकलकर सामने आई है. बैठक में फैसला हुआ कि प्रोविडेंट फंड (PF) अकाउंट के सेंट्रलाइज IT सिस्टम को मंजूरी दी जाएगी.

इसका मतलब है कि अब नौकरी बदलने के बाद कर्मचारी को दूसरी कंपनी में PF खाता ट्रांसफर कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सेंट्रलाइज IT सिस्टम की मदद से आपका पीएफ का पुराना खाता ऑटोमैटिक नए खाते से जुड़ जाएगा.

बोर्ड बैठक में कहा गया कि ईपीएफओ के सालाना डिपॉजिट का 5 फीसदी हिस्सा अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स (जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट InvITs भी शामिल है) में 5 प्रतिशत राशि निवेश की जाएगी. श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव सुनील भरथवाल ने इसकी पुष्टि की. 

WATCH LIVE TV 

खाता ट्रांसफर करने का झंझट खत्म

अभी तक यह नियम है कि जब कोई कर्मचारी एक कंपनी छोड़कर दूसरी में जाता है तो वह या तो पीएफ का पैसा निकाल लेता है या फिर दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कराता है. कर्मचारी को यह काम खुद करना पड़ता था, लेकिन सेंट्रलाइज सिस्टम के काम करने के बाद पीएफ खाताधारकों के अलग-अलग अकाउंट अपने आप मर्ज होकर एक हो जाएंगे. इससे कर्मचारियों को इन झंझटों से छुटकारा मिलेगा.

श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्‍यक्षता में हुई कर्मचारी भविष्‍य निधि की बैठक में पीएफ पर दिए जा रहे ब्‍याज को लेकर भी फैसला होने की उम्‍मीद थी, लेकिन किसी कारण से नहीं हो सकी. अभी पीएफ (PF) पर सालाना ब्‍याज दर 8.5 प्रतिशत वार्षिक दी जाती है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Sankashti Chaturthi 2021: हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है. भगवान गणेश (Lord gandesha) को ज्ञान और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, हर महीने संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है. इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी 23 नवंबर (मंगलवार) को पड़ रही है. 

 

संकष्टी का मतलब कठिनाइयों से मुक्ति होता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश भक्तों की समस्याओं को कम करते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं. इसलिए श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है.  इस दिन, भक्त सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद लेने के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं. साथ ही, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश का नाम सभी देवताओं से श्रेष्ठ रखा था.

 

Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, श्रीहरि हो गए नाराज तो बिगड़ जाएंगे सारे काम

 

संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त

 

संकष्टी के दिन चन्द्रोदय- रात 08 बजकर 29 मिनट पर

चतुर्थी तिथि प्रारंभ- सोमवार, 22 नवंबर को रात 10 बजकर 27 मिनट

चतुर्थी तिथि समाप्त- मंगलवार, 23 नवंबर को मध्य रात्रि 12 बजकर 55 मिनट

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए संकष्टी चतुर्थी को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश को सभी देवताओं में श्रेष्ठ घोषित किया था. कहते हैं कि संकष्टी चतुर्थी के दिन घर में पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है. इतना ही नहीं, पूजा से घर में शांति बनी रहती है. इस दिन पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन चांद के दर्शन करना भी शुभ माना जाता है. बता दें कि सूर्योदय के साथ शुरू होने वाला संकष्टी व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही समाप्त होता है. पूरे साल में संकष्टी के 13 व्रत रखे जाते हैं. सभी संकष्टी व्रत की अलग-अलग कथा होती है. संकष्टी का संस्कृत अर्थ संकट या बाधाओं और प्रतिकूल समय से मुक्ति है. 

 

संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर इसके बाद संकल्प लें. पूजा के लिए भगवान गणेश की मूर्ति को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित कर दें. इसके बाद चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं.

फिर भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि चढ़ाएं. गणपति बप्पा को मोदक और लड्डू का भोग लगाएं क्योंकि कहा जाता है कि उनको ये सबसे ज्यादा पसंद है. चांद निकलने से पहले गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें. पूरी पूजा विधि का पालन करते हुए गणेश मंत्रों का जाप करें. चांद निकलने के बाद अर्ध्य देकर अपना व्रत तोड़ें. 

 

डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन

नहीं रही पंजाबी लोक गायक गुरमीत बावा, लंबे समय से थी बीमार

Trending news