आज से ठीक 29 साल पहले 2 अक्टूबर 1992 को एस्सेल ग्रुप (Essel Group) के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने देश का पहला सैटेलाइट टीवी चैनल ( First Satellite TV Channel) ZEE TV लॉन्च किया था. डॉ. सुभाष चंद्रा ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) की भी स्थापना की थी.
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नई दिल्लीः आज से ठीक 29 साल पहले 2 अक्टूबर 1992 को एस्सेल ग्रुप (Essel Group) के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने देश का पहला सैटेलाइट टीवी चैनल ( First Satellite TV Channel) ZEE TV लॉन्च किया था. डॉ. सुभाष चंद्रा ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) की भी स्थापना की थी. जी एंटरटेनमेंट की स्थापना 15 दिसंबर 1991 को की गई थी.
ZEE की यात्रा के 29 साल पूरे होने पर कंपनी के मौजूदा सीईओ पुनीत गोयनका ने ट्वीट किया- यह मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण हैं, क्योंकि इस अनमोल संस्थान के 29 असाधारण वर्ष पूरे हो रहे हैं. ZEE ने अपने सभी हितधारकों के लिए वर्षों तक जो अपार मूल्य सृजित किया है, उस पर मुझे बेहद गर्व है.
It is a rather emotional moment for me as this precious institution completes 29 extraordinary years. I am extremely proud of the immense value ZEE has created for all its stakeholders over the years. #ZEEturns29
— Punit Goenka (@punitgoenka) October 2, 2021
अपने एक अन्य ट्वीट में पुनीत गोयनका ने लिखा -ये आपका प्यार ही है, जिसने हमें ये उपलब्धि हासिल करने में सक्षम बनाया है. इस यात्रा ने मुझे सिखाया है कि जीवन में चुनौती मिलना अपरिहार्य है, लेकिन हार जाना वैकल्पिक है. अभी आगे कई और सफल वर्ष आने हैं.
It is the love you have showered upon us, that has enabled us to achieve these milestones! This journey has taught me that being challenged in life is inevitable, but being defeated is optional. Here's to many more successful years ahead! #ZEEturns29
— Punit Goenka (@punitgoenka) October 2, 2021
डॉ. सुभाष चंद्रा का जन्म हरियाणा के आदमपुर में एक वैश्य परिवार में हुआ था. डॉ. चंद्रा के जीवन के शुरुआती दिन मुश्किल भरे थे. उनके परिवार को उनकी एजुकेशन फीस देने में भी परेशानी होती थी. ऐसे में डॉ. चंद्रा ने स्कूल छोड़ दिया और अपने परिवार का ट्रेडिंग बिजनेस ज्वाइन कर लिया.
FCI में भी किया काम
डॉ. चंद्रा ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) के साथ काम किया. अनाज को गोदाम में रखने की बजाय उसे खुले में प्लास्टिक की शीट से कवर करके रखने का आइडिया डॉ. चंद्रा का ही था. अपने इस आइडिया को लेकर उन्होंने FCI के अधिकारियों से बात की और उन्हें इसके लिए मना भी लिया. इसके बाद डॉ. चंद्रा ने स्विट्जरलैंड से मशीन मंगाई, जिससे प्लास्टिक शीट बनती थी.
हालांकि अपेक्षित रिजल्ट न मिलने के बाद डॉ. चंद्रा ने अपने इंजीनियर्स को ट्रेनिंग के लिए स्विट्जरलैंड भी भेजा. इसके बाद डॉ. चंद्रा सफल हुए.
अमेरिका के डिज्नीलैंड की तरह ही डॉ. चंद्रा के मन में अपना खुद का एडवेंचर पार्क बनाने का विचार आया. इसके लिए उन्होंने उत्तरी मुंबई में साल 1989 में एस्सेल वर्ल्ड के लिए जमीन भी खरीदी थी.
एस्सेल वर्ल्ड और ZEE टीवी के बाद डॉ. चंद्रा ने देश का पहला सैटेलाइट टीवी प्रोवाइडर डिश टीवी लॉन्च किया. डॉ. सुभाष चंद्रा शो की मदद से डॉ. चंद्रा युवाओं के साथ संवाद करते हैं और उन्हें प्रेरित भी करते हैं.
कई बार किए जा चुके हैं सम्मानित
डॉ. चंद्रा ग्लोबल इंडियन एंटरटेनमेंट पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं. उन्होंने वर्ष 2004 में पुरस्कार जीता था.चंद्रा द्वारा जीते गए अन्य पुरस्कारों में अर्न्स्ट एंड यंग के एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड और 1999 में बिजनेस स्टैंडर्ड के बिजनेसमैन ऑफ द ईयर और 2010 में इंडियन न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवार्ड शामिल हैं.
पुनीत गोयनका बोले- हमारा सर्वश्रेष्ठ अभी बाकी है
ZEE की 29वीं वर्षगांठ पर कंपनी के वर्तमान सीईओ एंड एमडी पुनीत गोयनका ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपने दर्शकों, ZEE कर्मियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण है,क्योंकि यह कीमती संस्थान 29 साल पूरे कर रहा है. ZEE ने अपने सभी हितधारकों के लिए जो वैल्यू बनाई है, उस पर मुझे बहुत गर्व है.
आज Entertainment और ZEE शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची बन चुके हैं, जो हमारी सफलता और इस अनमोल संपत्ति की महत्ता बताता है, जिसे हमने मिलकर बनाया है. मैं कहूंगा कि हमारा सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है. SONY INDIA के साथ प्रस्तावित विलय से हम देश की सबसे बड़ी Media और Entertainment कंपनी बन जाएंगे.
मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे मूल्य निर्माण की यात्रा में SONY के भागीदार बनने से और बेहतरी आएगी. SONY और ZEE साथ मिलकर अपने उपभोक्ताओं के लिए बेहतरीन से बेहतरीन कॉन्टेंट बनाने में और ज्यादा समर्थ होंगे. मैं इस यात्रा में हमेशा आपके साथ हूं और सफलताओं की नई पटकथा लिखने के लिए आपके साथ चलता रहूंगा.
अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि हम सभी को जीवन में ऐसे बहुत सारे अवसर मिलते हैं जो अक्सर असंभव का रूप धारण किए होते हैं. सफलता की कुंजी अपनी बाधाओं को संभावनाओं में बदलने के हुनर में है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि अब परिवर्तन का समय आ गया है, क्योंकि हम एक साथ कंपनी के 30वें वर्ष में कदम रख रहे हैं.
मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारे लिए आने वाले साल सक्सेस, ग्लोरी, ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी से भरे रहने वाले हैं. हमेशा याद रखें कि जीवन में चुनौतियों का आना टाला नहीं जा सकता, लेकिन उन चुनौतियों के सामने हार मान लेना वैकल्पिक है.