लाहौल स्पीति की कुछ ऐसी जगहें जहां आप पूरी तरह से प्रकृति में डूब सकते हैं
Riya Bawa
Sep 20, 2023
About Lahaul and Spiti district
लाहौल स्पीति जिले में लाहौल और स्पीति के दो पूर्व अलग-अलग जिले शामिल हैं. वर्तमान प्रशासनिक केंद्र लाहौल के केलोंग में है। इस जिले का गठन 1960 में हुआ था और यह भारत का चौथा सबसे कम आबादी वाला जिला है.
Connectivity
कुंजुम ला पास (4,551 मीटर) लाहौल से स्पीति घाटी का प्रवेश द्वार है. यह जिला रोहतांग पास के माध्यम से मनाली से जुड़ा है और दक्षिण में, स्पीति से आप किन्नौर में प्रवेश कर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 5 से जुड़ सकते हैं.
Landscape
दोनों घाटियां चरित्र में काफी भिन्न हैं. स्पीति अधिक बंजर है और इसे पार करना कठिन है, यह ऊंची पर्वतमालाओं के बीच घिरा हुआ है, जिसमें स्पीति नदी दक्षिण-पूर्व में एक घाटी से निकलकर सतलुज नदी से मिलती है. यह एक विशिष्ट पहाड़ी रेगिस्तानी क्षेत्र है.
How to reach Lahaul and Spiti?
सड़क मार्ग से लाहौल और स्पीति जिले तक दो स्थानों से पहुंचा जा सकता है, एक स्पीति घाटी में प्रवेश के लिए सुमदो (किन्नौर) से और दूसरा लाहौल घाटी में प्रवेश के लिए मनाली (कुल्लू ) से है. निकटतम हवाई अड्डा भुटार हवाई अड्डा (कुल्लू) है और निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंदरनगर, शिमला और चंडीगढ़ में हैं.
Keylong
केलांग लाहौल और स्पीति का जिला मुख्यालय है. केलोंग भागा नदी के ऊपर रोहतांग और बारालाचा दर्रे के बीच मुख्य व्यापार मार्ग पर स्थित है. अधिकांश सरकारी कार्यालय केलांग में स्थित हैं. अतीत में केलांग मोरावियन मिशनरियों का घर था.
Lady of Keylong
'लेडी ऑफ कीलॉग' एक प्रसिद्ध ग्लेशियर है. केलांग से देखने पर यह ग्लेशियर लगभग 6000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. लगभग एक शताब्दी पहले ब्रिटिश शासन के दौरान इसका नाम 'लेडी एलाशाइंगडे' ने रखा था. यह वर्ष भर बर्फ से ढका रहता है.
Kaza
स्पीति (स्थानीय रूप से पिटी कहलाता है) का उपमंडल मुख्यालय काजा में है. सदियों से व्यावहारिक अलगाव में स्तिथ, स्पीति की एक अत्यंत अंतर्मुखी संस्कृति है जो इसके कई मठों पर केंद्रित है.
Jispa
यह खूबसूरत जगह केलांग से 22 किलोमीटर दूर है. जिस्पा में एक बहुत बड़ी सूखी नदी का तल है, जो लाहौल में दुर्लभ है. भागा नदी के किनारे गर्मियों के दौरान यहां खूब ट्राउट मछली पकड़ी जा सकती है. यह स्थान वस्तुतः मछुआरे के लिए आनंददायक है. इस गांव के चारों ओर जुनिपर का अच्छा पौधारोपण है.
Rohtang la
रोहतांग ला दर्रा (13050 फीट) कुल्लू को लाहौल घाटी से अलग करता है. तिब्बती भाषा में रोहतांग का अर्थ है "शवों का ढेर" और यह अपने कुख्यात नाम के अनुरूप है. हर साल इसमें जान-माल की हानि अवश्य होती है. बार-बार आने वाले बर्फीले तूफ़ान और हिमस्खलन के कारण इस दर्रे से गुजरना और भी खतरनाक हो जाता है.
Suraj Taal lake
सूरज ताल या सूर्य देवता की झील 16000 फीट की ऊंचाई में बारालाचा ला के शिखर पर स्थित है. भागा नदी इस झील से निकलती है जो एक सुंदर प्राकृतिक रंगभूमि में स्थित है.
Chandra Taal lake
चंद्रताल की प्राकृतिक झील लगभग 14,000 फीट की ऊंचाई पर कुंजोम दर्रे से लगभग नौ किलोमीटर दूर स्थित है. झील एक विस्तृत घास के मैदान में स्थित है जो प्राचीन काल में एक ग्लेशियर था और झील में एक जलपरी के होने की कहानी भी काफी प्रचलित है.
Key Monastery
लगभग 13,500 फीट की ऊंचाई वाला काई मठ घाटी में सबसे बड़ा है और काजा के आसपास घाटी के सबसे अधिक आबादी वाले हिस्से पर एक शक्तिशाली प्रभाव रखता है. अनियमित प्रार्थना कक्ष, अंधेरे मार्गों, घुमावदार सीढ़ियों और छोटे दरवाजों से जुड़े हुए है ये मठ.