इस मेले में आयोजित होने वाला शाही स्नान का क्या महत्व है? जानें कुंभ मेला से जुड़ी कुछ खास बातें
Manpreet Singh
Jan 09, 2025
महाकुंभ का मेला प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक पर आयोजित होता है.
इस बार, 144 वर्षों बाद, 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है.
केवल भारत ही नहीं, दुनिया के हर कोने से लोग कुंभ मेले में हिस्सा लेने आते हैं.
ऐसी मान्यता है कि कुंभ मेले पर गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
तो, चलिए जानते हैं कि ये शाही स्नान क्या है और ये इस साल के महाकुम्भ में कब आयोजित होगा...
Importance of Royal Bath
शाही स्नान का आयोजन कुंभ मेले के सबसे पवित्र दिन पर किया जाता है. यह आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का सरल मार्ग माना जाता है.
Ancient History
महाकुंभ का इतिहास सदियों पुराना है. कुछ ग्रंथों के अनुसार, इसका आयोजन 850 साल से भी अधिक पुराना है, जिसकी शुरुआत आदि शंकराचार्य ने की थी.
Mythology
समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश से अमृत की बूंदें हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में गिरीं, जिससे इन स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है.
Location Selection
कुंभ मेले का स्थान ग्रहों की स्थिति के आधार पर तय होता है. जब बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य व चंद्रमा मकर राशि में होते हैं, तब कुंभ प्रयागराज में आयोजित होता है.
Mahakumbh Organized
12 पूर्णकुंभ के बाद महाकुंभ का आयोजन होता है, जो 144 वर्षों में एक बार आता है इसलिए, 2025 का महाकुंभ विशेष महत्व रखता है.
Disclaimer
इस आर्टिकल में बताए गए धार्मिक व मान्यतो की जी मीडिया न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें.