Operation Sindoor के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी की हो रही चर्चा! जानें क्या है वजह
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Operation Sindoor के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी की हो रही चर्चा! जानें क्या है वजह

Operation Sindoor, Colonel Sophia Qureshi: कौन है लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद काफी चर्चाओं में हैं. आइये जानते हैं उनके बारे में पूरी डिटेल

Operation Sindoor के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी की हो रही चर्चा! जानें क्या है वजह

Operation Sindoor, Colonel Sophia Qureshi: ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इस हमले में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 टारगेट्स को निशाना बनाया था. जिसमें लगभग 100 मिलिटेंट्स के मारे जाने की खबर है.

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?

लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना के सिग्नल कोर में एक अधिकारी हैं. उन्होंने मल्टीनेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रचा है. अब वह ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के बाद से काफी वायरल हो रही हैं

गुजरात की रहने वाली हैं सोफिया कुरैशी

गुजरात से आने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी को 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के के जरिए से भारतीय सेना में कमीशन मिला था. वह एक मजबूत मिलिट्री बैकग्राउंड वाले परिवार से आती हैं, जिसने उन्हें आर्म्ड फोर्सेस में अपना करियर बनाने के लिए मुतास्सिर किया. उनके शुरुआती कार्यों में भारत भर में अलग-अलग पोस्टिंग शामिल थीं, जिसमें आतंकवाद विरोधी इलाके भी शामिल थे, जहां उन्होंने सिग्नल रेजिमेंट में काम किया.

यूएन में भी किया है सर्व

2006 में लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी ने कांगो में युनाइटेड नेशन्स पीस ऑपरेशन में एक मिलिट्री ऑब्जर्वर के तौर पर भी काम किया. इस एक्सपीरियंस में सीजफायर की निगरानी करना और जंग से मुतास्सिर इलाकों  में शांति सुनिश्चित करने के लिए मानवीय गतिविधियों में सहायता करना शामिल था. ऐसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में उनके काम ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया.

मार्च 2016 में, लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी ने भारत की ओर से 40 सदस्यीय सेना दल का नेतृत्व किया. यह दल 'एक्सरसाइज फोर्स 18' में शामिल हुआ, जो भारत में आयोजित अब तक का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था. यह अभ्यास पुणे में हुआ था, जिसमें चीन, अमेरिका, रूस, जापान और दक्षिण कोरिया सहित 18 आसियान प्लस देशों ने हिस्सा लिया. इस एक्सरसाइज में लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी की भूमिका बहुत अहम रही. उन्होंने सैनिकों को शांति बनाए रखने वाले मिशनों और मानवीय सहायता के तहत बारूदी सुरंग हटाने से जुड़ी ट्रेनिंग दी.

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