मुंबईः दूरदर्शन के मशहूर धारावाहिक 'नुक्कड़’ के साथ ही 'लगान’ और 'चक दे! इंडिया’ जैसी बहुचर्चित बॉलीवुड फिल्मों में अपनी अदाकारी की छाप छोड़ने वाले मशहूर अदाकार जावेद खान अमरोही का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह करीब 70 साल के थे. फेफड़ों की खराबी के कारण वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. फिल्म निर्माता रमेश तलवार ने उनकी मौत की जानकारी दी है. अमरोही के परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री है.  


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पारीवारिक सूत्रों के मुताबिक, रंगमंच और फिल्मों के दिग्गज कलाकार अमरोही सांस लेने की बीमारी से पीड़ित थे और पिछले करीब एक साल से बिस्तर पर थे. तलवार ने बताया कि उनका उपनगरीय मुंबई के सूर्या नर्सिंग होम में इलाज चल रहा था. उनका मंगलवार को दोपहर में करीब एक बजे अस्पताल में निधन हो गया. 


थिएटर के दिनों से अमरोही के लगातार सहयोगी रहे अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने कहा कि वह लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे. मिश्रा ने कहा, "वह रंगमंच की दुनिया में मेरे वरिष्ठ थे. वह 1970 के दशक से इप्टा (इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन) मुंबई के सक्रिय सदस्य थे.’’ अभिनेता का अंतिम संस्कार शाम साढ़े सात बजे ओशिवारा कब्रिस्तान में किया गया. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) से स्नातक होने के बाद अमरोही 150 से ज्यादा फिल्मों और करीब एक दर्जन टीवी शो में छोटी लेकिन अहम महत्वपूर्ण और यादगार भूमिका निभा चुके थे. 


उन्हें 1980 के दशक के अंत में टीवी शो 'नुक्कड़’ में नाई करीम की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. 'अंदाज़ अपना अपना’ में रवीना टंडन के चरित्र के चाहने वालों में से एक आनंद अकेला, ’लगान’ में क्रिकेट कमेंटेटर, और 'चक दे! इंडिया’ में भारतीय महिला हॉकी टीम के सहायक कर्मचारी की भूमिका में वह नजर आ चुके हैं. 
अमरोही ने 90 के दशक की हिट फ़िल्में जैसे 'हम हैं राही प्यार के’, 'लाडला’, 'इश्क’, और 1988 की टीवी श्रृंखला 'मिर्जा ग़ालिब’ में उनकी अदाकारी के लिए उन्हें याद किया जाएगा. उनकी आखिरी फिल्म 'सड़क 2’ (2020) में आई थी, जिसमें उन्होंने 1991 की मूल 'सड़क’ वाली अपनी भूमिका को दोहराया था. 
रंगमंच और फिल्म अभिनेता दानिश हुसैन ने ट्वीट कर शोक जताया है. 


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