इस दरगाह में होती है सबकी ख़्वाहिशें पूरी , इस दर पर जो आता है खाली हाथ नहीं लौटता
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इस दरगाह में होती है सबकी ख़्वाहिशें पूरी , इस दर पर जो आता है खाली हाथ नहीं लौटता

राजौरी में वाके मशहूर सूफी संत की दरगाह भर जाती है सबकी झोली, हर मुराद होती है पूरी 

 

इस दरगाह में होती है सबकी ख़्वाहिशें पूरी , इस दर पर जो आता है खाली हाथ नहीं लौटता

जम्मू-कश्मीर : राजौरी के गार्जियन के पहाड़ी इलाके में वाके मशहूर सूफी संत फातेह मोहम्मद गंगी साब के दर में जो जाता है वो खाली हाथ कभी नहीं लौटता। सूफी संत फातेह मोहम्मद गंगी साब के दरबार में ज़ायरीन का तांता लगा रहता है. मकामी लोगों का मानना है कि खूबसूरत वादियों के गोद में वाके अक़ीजत के इस मरकज़ पर आने वाले हर अकीदतमंत की मुराद पूरी होती है

पहाड़ों की गोद में वाके इस मरकज़ पर दूर दराज़ से लोग यहां हाजिरी लगाने आते हैं। मकामी लोगों का कहना है कि उनके दर पर जो आता है झोली भर कर जाता है. अक़ीदत के इस मरकज पर मज़हब की कोई दीवार नहीं है यहां किसी भी मज़हब और जात के लोग अक़ीदत के लिए आ सकते हैं। यहां ज़ायरीन पाक मन से आते हैं और खुशियों की झोली भर कर जाते हैं, यहां आने वाले लोगों के साथ रंग और नस्ल के बिना पर भी कोई तफरीक नहीं की जाती है।

 मशहूर सूफी संत फातेह मोहम्मद गंगी साब के दरबार में हिंदू मुसलमान, सिख हर मजहब के मानने वाले आते हैं । वहां के लोग ज़ायरीन से अपील करते हैं कि वो लोग फतह मोहम्मद गंगी के बताये रास्ते पर चलें।इस दरगाह को लेकर एक बात और मशहूर है कि इस दर पर आने वाले मरीजों को कोई बीमारी हो या किसी भी तरह की दिगर परेशानी यहां सबका हल हो जाता है।दरगाह में आने वाले जायरीन के लिए लंगर का भी इंतजाम होता है। यहां के बारे में यह भी कहा जाता है कि लंगर खाने वालों की बीमारी दूर हो जाती है। वली औलियाओं और सूफियों की सरजमी जम्मू कश्मीर में अम्न के पैगाम आम करने वाली यह दरगाह सदियों से मुल्क और दुनियां के लोगों के रास्तों पर रौखनी बिखेरने की काम कर रही है बस जरुरत है तो सिर्फ उनपर अमल करने की।

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