जम्मू-कश्मीर समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) के प्रधान सचिव बिपुल पाठक ने बीते सोमवार को 43 गांवों की अधिसूचना को जारी किया. सबसे ज्यादा जम्मू जिले के गांव हैं शामिल.
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जम्मू-कश्मीर: जम्मू संभाग (Jammu division) में इंटरनेशनल बॉर्डर (International border) के पास के 43 गांवों को सरकार आरक्षण का लाभ देने का फैसला किया है. जिन गांवों को आरक्षण का लाभ मिलेगा वो सांबा (Samba), कठुआ (Kathua ) और जम्मू (Jammu districts) के जिलों में शामिल हैं. सभी गांव इंटरनेशनल बॉर्डर से काफी करीब हैं. इन गावों के युवा सरकारी नौकरियों में तीन फीसद तक आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे.
जम्मू के 21 गांव हैं शामिल
जम्मू-कश्मीर समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) के प्रधान सचिव बिपुल पाठक ने बीते सोमवार को 43 गांवों की अधिसूचना को जारी किया. इन गांवों में सबसे ज्यादा जम्मू जिले के 21 गांव अधिसूचना में शामिल हैं. जबकि कठुआ से 17 गांव और सांबा जिले के पांच गांव हैं.
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आरक्षण नियम 2005 के तहत मिलेगा लाभ
यह कदम लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा द्वारा दिसंबर 2020 में आयोजित जनता की शिकायतों से संबंधित कार्यक्रम 'मुलकात' में अधिकारियों को निर्देशित करने के बाद आया है. समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे सूचीबद्ध गांवों को जम्मू और कश्मीर आरक्षण नियम 2005 (Jammu and Kashmir Reservation Rules) के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा.
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भारत-पाकिस्तान सीमा के पास 502 गांव हैं
जम्मू संभाग की अंतरराष्ट्रीय सीमा से छह किलोमीटर के दायरे में आने वाले 502 गांवों में लगभग साढ़े तीन लाख आबादी है. इनमें से 287 गांव जम्मू जिले में, 142 गांव सांबा व 73 कठुआ में हैं. यहां के युवाओं को नौकरियों, व्यावसायिक कालेजों में दाखिले के लिए तीन फीसद आरक्षण देने का फैसला दो साल पहले हुआ था.
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