कश्मीर को मुकम्मल सूबे का दर्जा न मिलने तक नहीं लड़ूगा इंतेखाबात: उमर अब्दुल्ला
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कश्मीर को मुकम्मल सूबे का दर्जा न मिलने तक नहीं लड़ूगा इंतेखाबात: उमर अब्दुल्ला

उन्होंने कहा कि मैं सूबे की असेंबली का लीडर रहा हूं, कभी ये सबसे मज़बूत असेंबली थी जो अब यह मुल्क की सबसे कमज़ोर असेंबली बन चुकी है इसलिए मैं इसका मेंबर नहीं बनूंगा.

फाइल फोटो
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के साबिक वज़ीरे आला उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जब तक जम्मू कश्मीर दोबारा मुकम्मल सूबा नहीं बन जाता है तब तक वे जम्मू कश्मीर असेंबली का चुनाव नहीं लड़ेंगे.  इसके अलावा वह अपनी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए काम करते रहेंगे. 

उन्होंने कहा कि मैं सूबे की असेंबली का लीडर रहा हूं, कभी ये सबसे मज़बूत असेंबली थी जो अब यह मुल्क की सबसे कमज़ोर असेंबली बन चुकी है इसलिए मैं इसका मेंबर नहीं बनूंगा. उमर अब्दुल्ला ने ये भी वाज़ह किया है कि कोई धमकी या ब्लैकमेल नहीं है, यह किसी मायूसी का इज़हार भी नहीं है. यह वो ऐतराफ है कि जिसमें वो किसी कमजोर असेंबली या मरकज़ के ज़ेरे इंतेज़ामा असेंबली का हिस्सा बनना नहीं चाहते. उमर ने खुद को जम्हूरियत और पुरअमन अपोज़ीशन में यकीन रखने वाला नेता बताते हुए अपनी इस नई पॉलिसी का ऐलान किया.

बता दें कि मोदी हुकूमत ने 5 अगस्त 2019 को तारीखी फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर को मरकज़ी हुकूमत के ज़ेरे इंतेज़ामा (UT) बना दिया था. साथ ही 370 और 35A को हमेशा के लिए खत्म कर दिया था. जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग UT बनाये गए थे. जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर के कई सियासी लीडरान नाराज़ हैं.

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