अयाज़ दिव्यांग है लेकिन हौंसले की कमी नहीं, हाथ से महरूम लेकिन खेलते हैं क्रिकेट
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अयाज़ दिव्यांग है लेकिन हौंसले की कमी नहीं, हाथ से महरूम लेकिन खेलते हैं क्रिकेट

अयाज़ के जज्बे को सलाम, और ये बात साबित कर दिखाई खुद अयाज़ ने, उनके मन के इरादे इतने मजबूत हैं कि दिव्यांग होना उनके लिए कोई कमी नहीं है

अयाज़ दिव्यांग है लेकिन हौंसले की कमी नहीं, हाथ से महरूम लेकिन खेलते हैं क्रिकेट

जम्मू-कश्मीर : कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं अपनी कोशिश, लगन और जज़्बे से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। इस बात को साबित कर दिखाया है पुंछ के क्रिकेट खिलाड़ी अयाज़ अहमद फानी ने..जम्मू के पुंछ जिले में रहने वाला अयाज़ अहमद फानी के जज़्बे को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। महज़ 17 साल का अयाज़ अहमद बेहतरीन क्रिकेटर है,लेकिन अयाज़ फानी को जो देखता है हैरान रह जाता है अहमद फानी पैदाइश से ही दाएं हाथ से महरूम है लेकिन अहमद को क्रिकेट खेलता देख कोई इस बात का अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता है।

आयाज़ पुंछ जिले के एक गांव बचैया वाली का रहने वाला है.अयाज़ पुंछ के गुर्जर बकरवाल हॉस्टल में रहकर अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी कर रहा है।अयाज़ क्रिकेट खेलना चाहता है क्योंकि वो अपने इलाके का नाम रौशन करना चाहता है। 17 साल का ये क्रिकेट खिलाड़ी पैदाइश से ही दाएं हाथ से महरूम है फिर भी वो अच्छा क्रिकेट खेलता है.इसी वजह से वो पुंछ में सभी खिलाड़ियों के दरमियान एक मिसाली शख़्स की हैसियत रखता है...अयाज़ को क्रिकेट बचपन से ही पसंद है और वो आज भी क्रिकेट को बड़ी शिद्दत के साथ खेलता है।

बचैया वाली एक पहाड़ी गांव है...यहाँ पर एक ज़माने में इतनी मिलिटेंसी हुआ करती थी कि दिन के वक्त भी सिक्योरिटी अहलकार गांव के बीच जाने से बचते थे...लेकिन अब वक्त के साथ सब कुछ बदल गया...अयाज़ की तरह कई नौजवान ऐसे हैं जो क्रिकेट खेलना चाहते हैं ताकि वो क़ौमी टीम में जगह बना सकें और मुल्को कौम की खिदमत कर सकें...बस इन्हें खास तवज्जोह की ज़रूरत है।

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