Arshad Madni Deoband: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलना अमिर खान मुत्तकी ने दारुल उलूम देवबंद पहुंचे. यहां उनकी मुलाकात मौलाना अरशद मदनी से हुई. इस मुलाकात के बाद मौलाना अरशद मदनी ने बड़ी बात कही है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Arshad Madni Deoband: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलाना अमिर खान मुत्तकी भारत में मौजूद हैं. उन्होंने शुक्रवार को विदेश मंत्री जय शंकर से मुलाकात करने के बाद शनिवार को दारुल उलूम देवबंद पहुंचे. यहां उनका स्वागत मौलाना अरशद मदनी के साथ कई बड़े उलेमाओं ने की. इस मुलाकात के बाद मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलाना अमिर खान मुत्तकी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच रिश्तों में मजबूती आएगी.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मैंने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से बातचीत में कहा कि हमारे ताल्लुकात का विषय सिर्फ इल्मी नहीं है, बल्कि हिंदुस्तान की आजादी में अफगानिस्तान और वहां के उलमाओं का योगदान का इतिहास भी है. अफगानिस्तान के उलेमाओं ने हिंदुस्तान की स्वतंत्रता संग्राम में जो भूमिका निभाई, उसकी झलक अफगानिस्तान की सरजमीन में भी देखने को मिली.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के इस दौरे से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से हमारी बातचीत में यह स्पष्ट हुआ कि हिंदुस्तान के मुसलमान और दारुल उलूम के साथ उनका गहरा नाता है.
जब हिंदुस्तान और अफगानिस्तान में मुसलमानों की स्थिति पर सवाल किया गया, तो मौलाना अरशद मदनी ने स्पष्ट किया कि हमारी किसी भी प्रकार की सियासी बातचीत नहीं हुई, बातचीत केवल धार्मिक मुद्दों तक सीमित रही. उन्होंने आगे कहा कि पहले यह धारणा थी कि यहां पर सक्रिय आतंकवादी अफगानिस्तान से आते हैं, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि अफगानिस्तान से किसी भी प्रकार की मदद भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं पहुँच रही है.