AIMIM ने हासिल की तेलंगाना MLC सीट, BJP को करारी शिकस्त
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AIMIM ने हासिल की तेलंगाना MLC सीट, BJP को करारी शिकस्त

MLC Elections: एआईएमआईएम ने तेलंगाना एमएलसी सीट हासिल कर ली है. इस चुनाव में बीजेपी करारी हार का सामना करना पड़ा है.पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें.

AIMIM ने हासिल की तेलंगाना MLC सीट, BJP को करारी शिकस्त

MLC Elections: AIMIM ने हैदराबाद लोकल अथॉरिटी कांस्टीट्यूएंसी से तेलंगाना विधान परिषद (MLC) सीट जीत ली है. इस सीट पर सीधी टक्कर में AIMIM के उम्मीदवार मिर्ज़ा रियाज़ उल हसन इफ़्फ़ेंदी ने बीजेपी के उम्मीदवार एन. गौतम राव को 38 वोटों के अंतर से हराया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इफ़्फ़ेंदी को 63 वोट मिले जबकि गौतम राव को सिर्फ 25 वोट मिले.

AIMIM के लिए ये जीत अहम क्यों है?

यह जीत AIMIM के लिए इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि अगले साल की शुरुआत में ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (GHMC) के चुनाव होने वाले हैं.   AIMIM पिछले चार दशकों से या तो नगर निगम पर शासन करती रही है या "किंगमेकर" की भूमिका निभाती रही है.

कितने लोगों ने वोट डाले?

इस चुनाव में कुल 112 मतदाता थे, जिनमें से 88 लोगों ने मतदान किया. जो, हैदराबाद जिले के कॉरपोरेटर, सांसद (MP), विधायक (MLA) और विधान परिषद सदस्य (MLC) हैं. वोटों की गिनती शुक्रवार सुबह 8 बजे GHMC मुख्यालय में शुरू हुई थी.

AIMIM पहले से ही मज़बूत स्थिति में थी

AIMIM के पास 49 वोट थे और कांग्रेस के 14 वोटों का समर्थन भी उसे मिला, जिससे जीत पक्की मानी जा रही थी.  BRS (भारत राष्ट्र समिति) के 20 मतदाताओं ने चुनाव से दूरी बना ली, यानी मतदान नहीं किया. मतदाताओं में 81 कॉरपोरेटर और 31 नामित सदस्य शामिल थे (9 सांसद, 15 विधायक, और 7 एमएलसी).  AIMIM के पास अपने 40 कॉरपोरेटर और 9 नामित सदस्य (7 विधायक, 1 MLC और 1 लोकसभा सांसद) थे.

मिर्ज़ा रियाज़ उल हसन इफ़्फ़ेंदी का यह दूसरा कार्यकाल है. उनका पिछला छह साल का कार्यकाल पिछले महीने खत्म हो गया था. MLA कोटे से हुए चुनाव में कांग्रेस ने 3 सीटें जीती थीं, उसकी सहयोगी CPI को 1 सीट मिली थी और BRS ने 1 सीट जीती थी.

बीजेपी ने क्या कहा?

बीजेपी उम्मीदवार गौतम राव ने आरोप लगाया कि AIMIM को कांग्रेस और BRS का सहयोग मिला है. उन्होंने कहा कि तादाद के मामले में भले ही बीजेपी चुनाव हार गई हो, लेकिन यह नैतिक जीत (moral victory) है.  गौतम राव का कहना है कि BRS ने मतदान से दूर रहकर AIMIM की मदद की है.

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