Swami Prasad Maurya on Bareilly Violence: बरेली हिंसा में केस शासन प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है. इस केस में पुलिस ने अब तक 126 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज की है, जबकि 83 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बरेली हिंसा को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
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Bareilly Violence Update: बरेली हिंसा को लेकर लगातार उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच रायबरेली में अखिल भारतीय जनमोर्चा पार्टी (AJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने बरेली हिंसा को बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने बरेली हिंसा को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के आरोप के बाद योगी सरकार की मंशा और पुलिसिया कार्रवाई सवालों के घेरे में हैं.
AJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बरेली की घटना कोई सामान्य मामला नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी की सोची-समझी और सुनियोजित साजिश का हिस्सा है. उनका आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर हिंदू-मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों को जिंदा रखकर समाज को बांटने की सियासत कर रही है.
न्यूज 18 में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस दौरान बरेली में हुई प्रशासनिक कार्रवाई पर भी कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के घरों पर बुलडोजर चलाना पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण कदम है. अगर सरकार सच में निष्पक्ष होती, तो केवल बरेली ही नहीं बल्कि फतेहपुर और बहराइच जैसे जिलों में भी समान कार्रवाई की जाती.
मौर्य ने आरोप लगाया कि फतेहपुर में खुलेआम हिंदू संगठनों के लोगों ने उत्पात मचाया था, लेकिन उनके खिलाफ न तो कोई एफआईआर दर्ज हुई और न ही प्रशासन ने कोई सख्त कदम उठाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी का मकसद सिर्फ एक वर्ग विशेष को निशाना बनाना और धार्मिक ध्रुवीकरण करके सियासी फायदे लेना है. मौर्य ने सरकार से मांग की कि हिंसा और उपद्रव के मामलों में एक ही मानक अपनाए जाएं और दोषियों पर बिना भेदभाव के कार्रवाई हो.
बरेली में हालिया हिंसा के बाद प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. सोमवार (6 अक्टूबर) को बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) ने समाजवादी पार्टी के पार्षद मुन्ना का बाइक शोरूम सील कर दिया. कार्रवाई के दौरान पार्षद और उनके कर्मचारी शोरूम में ही मौजूद थे, जिन्हें बाहर निकालकर ताले जड़ दिए गए.
सपा पार्षद मुन्ना ने इस कार्रवाई को लेकर सफाई दी. उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन वह बाहर नहीं गए थे, उनके नवासे का हाथ टूटा था, इसलिए वह अस्पताल गए और उसके बाद शोरूम पर ही रहे. मुन्ना ने बताया कि वह कैंसर पीड़ित हैं और शोरूम में लगे कैमरे से सच सामने आ सकता है. उन्होंने साफ कहा कि मौलाना तौकीर की पार्टी और उनकी विचारधारा अलग है और उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. पार्षद का कहना है कि कार्रवाई केवल बवाल में शामिल लोगों पर होनी चाहिए.
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