BMC Notice to Muslim Family: बरेली में 'I Love Muhammad' जुलूस हिंसा मामले के बाद प्रशासन ने मौलाना तौकीर रजा के करीबियों पर कार्रवाई तेज कर दी है. यहां पर लगातार कई मुस्लिम परिवारों के खिलाफ कार्रवाई जा रही है. वहीं अब BMC ने शाहाबाद इलाके के 27 घरों को अवैध घोषित कर गिराने का आदेश जारी किया, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय में दहशत फैल गई है.
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Bareilly News Today: बरेली में बीते माह 26 सितंबर को 'I Love Muhammad' के समर्थन में निकाले गए जुलूस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. हालांकि, इस दौरान कई जगहों पर हिंसा भड़क गई थी. इस मामले में मौलाना तौकीर रजा समेत उनके करीबियों पर लगातार कार्रवाई जारी है. बीते दिनों मौलाना तौकीर रजा के करीबियों की संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई हुई थी.
वहीं, अब इसी मामले में बरेली नगर निगम (BMC) ने शाहाबाद इलाके में 27 मकानों को अवैध घोषित कर उन्हें गिराने का फरमान जारी किया है. इस कार्रवाई के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आशंकित हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पिछले 40 से 50 सालों से यहां रह रहे हैं और उनकी पूरी जिंदगी इसी मोहल्ले में गुजरी है.
प्रभावित परिवार की महिलाएं और बुजुर्ग ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. BMC का नोटिस जारी होने के बाद शाहाबाद मोहल्ले की गलियों में खौफ का माहौल है. स्थानीय लोगों में उहापोह की स्थितिय है. एक बुजुर्ग महिला ने नोटिस दिखाते हुए बताया कि "हमने एक-एक पैसा जोड़कर यह घर बनाया था. अब अपनी आंखों के सामने इसे गिरते हुए कैसे देख सकते हैं? अगर हमें यहां से हटाया गया, तो हमारी लाशें जाएंगी, हम नहीं."
प्रभावित महिलाओं का कहना है कि नोटिस आने के बाद उनके घरों में खाना नहीं बन रहा, बच्चे भूखे हैं और कई जगहों पर मर्द घर से बाहर निकलने से डर रहे हैं. हिंसा के आरोप में कई परिवारों के लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. एक पीड़ित मां ने रोते हुए बताया कि उनका 19 साल का बेटा अमान घर में नमाज पढ़ रहा था, इसी दौरान पुलिस उसे उठा ले गई. वह बेगुनाह है, लेकिन अब उनका घर भी तोड़ दिया जाएगा. उन्होंने रोते हुए बताया कि "हमारा गुनाह क्या है?"
इंकलाब में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि शाहाबाद इलाके में नगर निगम और प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर लंबे समय से अवैध कब्जा था. BMC बोर्ड को इसकी शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद जांच की गई और करीब 27 लोगों को नोटिस जारी किया गया है. उन्हें सही दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है. उन्होंने कहा, "अगर वे ऐसा करने में नाकाम रहे तो BMC एक्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के तहत कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि 26 सितंबर को हुई हिंसा के बाद से ही पुलिस और प्रशासन ने कई संपत्तियों को सील और ध्वस्त किया है. 12 अक्टूबर तक इस मामले में पुलिस 90 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी. अब BMC के इस नए फैसले से शाहाबाद इलाके में रहने वालों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है.
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