Asaduddin Owaisi in Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी गया में चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने JDU-RJD पर गरीब और नौजवानों के साथ अन्याय, भ्रष्टाचार और वक्फ संशोधित कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाया. असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार आम हो चुका है.
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Bihar Assembly Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद सियासी गहमा गहमी तेज हो गई है. साल 2020 के विधासनभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने पांच सीटों पर जीत हासिल किया था. हालांकि, चार विधायकों ने पाला बदल कर RJD में शामिल हो गए थे. बीते चुनावी नतीजों और कामयाबी को दोबारा दोहराने के लिए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
इसी कड़ी में सांसद असदुद्दीन ओवैसी गया पहुंचें, जहां चाकंद हाई स्कूल में सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वोटिंग की तारीख के ऐलान के बाद पहली बार चुनावी सभा को संबोधित किया. इस सभा में उन्होंने बिहार सत्तासीन और विपक्षी दलों पर मुसलमानों की उपेक्षा का ओराप लगाते हुए जमकर जुबानी हमला बोला. सभा में ओवैसी ने जनता से अपील की कि इस बार अपने वोट का सही इस्तेमाल कर अपने नेता को विधानसभा में भेजें और समानता, हक और इंसाफ के लिए लड़ें.
हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत के संविधान का धारा 14 समानता का अधिकार देता है. उन्होंने कहा कि पिछले 60 सालों से लोग सिर्फ वोट डालते रहे और बाकी सब नेताओं पर छोड़ देते हैं. अब समय है कि वोट डालें और जिम्मेदारी खुद लें. ओवैसी ने आरोप लगाया कि पटना में बैठे नेताओं ने गरीबों और नौजवानों के साथ नाइंसाफी की है. बच्चों को तालीम और नौकरियों के मौके नहीं दिए. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को समझना होगा कि सेक्यूलरिज्म के नाम पर सिर्फ दिखावा होता है.
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जहां AIMIM कैंडिडेट खड़ा नहीं होता, वहां बीजेपी आसानी से जीत जाती है. जनता को अपनी ताकत दिखाने के लिए वोट AIMIM को देना होगा. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इंसाफ और बराबरी की लड़ाई में अवाम को सक्रिय रहना होगा और नेताओं जरिये वोट का दुरुपयोग रोकना होगा. उन्होंने मुंबई ट्रेन हत्याकांड का उदाहरण देते हुए कहा कि जब RPF जवान ने तीन नौजवानों की गोली मारकर हत्या की थी, तब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मदद नहीं दी, लेकिन AIMIM ने पीड़ितों को मुआवजा और मकान दिलाया.
जेडीयू और आरजेडी को आड़े हाथों लेते हुए सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "आप लोग किसी रेलवे स्टेशन के कुली नहीं है कि इन जालिमों का बोझ अपने कंधे पर उठाकर लेकर जाएं. हमारे दादा और परदादा ने इनका बोझ सोच समझकर उठाया और इन्होंने हमारी कुर्बानियों पर लाशों का महल बना दिया." उन्होंने कहा, "जनता को कुछ नहीं मिला 15 साल लालू के परिवार को दिया, 15 साल नीतीश को दिया. अपने अपनी जवानी को इन जालिमों के पीछे बर्बाद कर दिया. कम से कम इस विधानसभा चुनाव में अपने बच्चों को देखो.
विवादित वक्फ संशोधन कानून को लेकर भी असदुद्दीन ओवैसी ने JDU-LJP (राम विलास) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने अपने संबोधन में चिराग पासवान और कुशवाहा ने भारत में ऐसा कानून बनाया है जो संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इस कानून के जरिए मस्जिदों, दरगाहों, खानकाहों और कब्रिस्तानों पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है. AIMIM प्रमुख ने कहा कि इस कानून से मुस्लिम समुदाय की की मजहबी पहचान और अधिकार खतरे में हैं.
ओवैसी ने बताया कि समानता के नाम पर किसी मजहब का सदस्य सिर्फ उसी मजहब के अनुयायी को बनाना चाहिए, लेकिन मुसलमान वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम भी शामिल हो सकते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में बनाया गया है.
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में भ्रष्टाचार आम हो चुका है. ओवैसी ने उदाहरण देते हुए कहा कि आवास योजना और पेंशन के लिए लोगों से पैसा लिया जाता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठकर मोदी यह कहते हैं कि 'ना मैं खाऊंगा और न खाने दूंगा', लेकिन बिहार में गरीबों का खून चूसने की स्थिति बनी हुई है.
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