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बिहार चुनाव में बुर्का बनाम घूंघट पर छिड़ा सियासी संग्राम, JDU ने भी BJP से मिलाए सुर!

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बुर्का और घूंघट की एंट्री ने सियासी पारा बढ़ा दिया है. बीजेपी ने मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनने वाली औरतों की पहचान जांचने की मांग की, जिस पर जेडीयू ने भी सुर में सुर मिलाते हुए घूंघट का मुद्दा उठाया. बीजेपी और जेडीयू की इस मांग को कांग्रेस-RJD ने महज वोटों के ध्रुवीकरण की साजिश बताया है. 

 

बिहार के कैबिनेट मंत्री कृष्णानंदन पासवान (फाइल फोटो)
बिहार के कैबिनेट मंत्री कृष्णानंदन पासवान (फाइल फोटो)

Bihar Assembly Election 2025: बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनावी बिगुल बज चुका है. मतदाताओं को साधने के लिए सियासी दलों ने अपने तरकश के सभी तीरों को आजमाना शुरू कर दिया है. सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी गठबंधन मतदाताओं को रिझाने के ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. कई सियासी दल एक दूसरे पर लगातार आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस बीच जेडीयू नेता और बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री के बयान ने सियासी पार बढ़ा दिया है.  

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को यह मांग रखी गई है कि मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर आने वाली औरतों की पहचान की जांच की जाए, इसके बाद ही उन्हें वोट देने की इजाजत दी जाए. इसके बाद नीतीश कुमार सरकार में गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग मतदान केंद्रों पर बुर्के को इजाजत देता है, तो फिर घूंघट की भी इजाजत मिलनी चाहिए.

बिहार चुनाव में बुर्का और घूंघट ने बढ़ाया पारा

मोतिहारी में मीडिया से बातचीत के दौरान कृष्णनंदन पासवान ने साफ शब्दों में कहा, "हमारे प्रदेश अध्यक्ष चुनाव आयोग की बैठक में शामिल थे. पार्टी के शीर्ष नेताओं ने साफ कहा कि औरतों के चेहरे का मिलान कराकर ही वोटिंग कराई जाए. अगर यह व्यवस्था मुमकिन नहीं है और बुर्का चलता है, तो फिर घूंघट पर भी रोक नहीं लगनी चाहिए. दोनों पर समान नियम लागू हों." जेडीयू की सीनियर नेता के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.

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इससे पहले प्रदेश और केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई थी कि मतदान केंद्रों पर बुर्का या पर्दा पहनकर आने वाली औरतों की पहचान उनके मतदाता पहचान पत्र (EPIC) से की जाए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा था कि विधानसभा चुनाव को एक या दो चरणों में संपन्न कराया जाए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बुर्का पहनकर मतदान करने वाली औरतों का चेहरा वोटर आईडी से मिलाना जरूरी है, ताकि फर्जी मतदान की गुंजाइश न रहे.

RJD ने बताई ध्रवीकरण की साजिश

बीजेपी और जेडीयू की इस मांग ने विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए आरोप लगाया कि पार्टी अल्पसंख्यक औरतों को निशाना बना रही है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा,"चुनावी प्रक्रिया पहले से ही पारदर्शी है. बीजेपी सिर्फ चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है. यह विवाद वोट बैंक की सियासत का हिस्सा है, इस बयान का मकसद वोटों का ध्रुवीकरण करना है.

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भी बीजेपी और उसके सहयोगी दल की इस मांग पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि यह मुद्दा जानबूझकर चुनावी ध्रुवीकरण के लिए खड़ा किया जा रहा है. बिहार चुनाव की तारीख के ऐलान से महज कुछ पहले जिस तरह से बुर्का और घूंघट को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है, उससे साफ है कि इस बार का चुनावी माहौल सिर्फ विकास और मुद्दों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि परंपराओं और धार्मिक प्रतीकों पर भी सियासी बहस छिड़ सकती है.

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