बिजनौर में रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना; बिजली गुल, जनरेटर बंद...तड़प-तड़प कर हुई सरफराज की मौत!
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बिजनौर में रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना; बिजली गुल, जनरेटर बंद...तड़प-तड़प कर हुई सरफराज की मौत!

Bijnor District Hospital Tragedy: बिजनौर जिला अस्पताल से एक हैरान करने वाले मामला सामने आया है. जिसने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है. जिला अस्पताल में एक मुस्लिम नौजवान डायलिसिस करा रहा रहा था, इसी दौरान बिजली गुल हो गई. जनरेटर चालू करने के लिए पीड़ित की मां ने अस्पताल प्रशासन से काफी शिकायत की, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी और पीड़ित की मौत हो गई.

 

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

Bijnor News Today: उत्तर प्रदेश के बिजनौर के जिला अस्पताल में एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही और संवेदनहीनता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया. मिली जानकारी के मुताबिक, सरफराज नाम के एक नौजवान मरीज की डायलिसिस चल रही थी, तभी अचानक बिजली चली गई. आरोप है कि बिजली जाने के बाद जेनरेटर नहीं चलाया गया, जिसकी वजह से मरीज ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.

मृतक सरफराज की मां ने बताया कि बिजली गुल होते ही उन्होंने डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों से बार-बार जेनरेटर चलाने की गुहार लगाई और उनसे काफी मिन्नतें की. वह उनके सामने गिड़गिड़ाती रहीं ताकि उनके बेटे का इलाज जारी रह सके, लेकिन उनकी एक न सुनी गई. जनरेटर होने के बावजूद उसे चालू नहीं किया गया और कुछ ही देर में सरफराज की हालत बिगड़ती चली गई और उसने दम तोड़ दिया.

यह घटना सीधे तौर पर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और संवेदनहीनता को उजागर करती है, जिसे सीधे तौर पर "हत्या" कहा जा सकता है. परिजनों का आरोप है कि भ्रष्ट और लापरवाह अस्पताल प्रशासन ने एक नौजवान की जान ले ली. उनका कहना है कि अगर समय रहते जेनरेटर चला दिया जाता, तो उनके बेटे की जान बचाई जा सकती थी.

समाज में डॉक्टरों को फरिश्ता और भगवान की संज्ञा दी जाती रही है, लेकिन अगर वही फरिश्ते और भगवान राक्षसी व्यवहार करने लगे तो एक पूरी पीढ़ी खत्म हो जाती है. इस हृदय विदारक घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. नेटीजंस सोशल मीडिया पर अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं.

कई यूजर्स ने #UPGovt टैग के साथ उत्तर प्रदेश सरकार से जिम्मेदार अधिकारियों, डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक लापरवाही नहीं, बल्कि सीधे तौर पर जानबूझकर की गई अनदेखी है. जिसके लिए जिम्मेदारों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. वहीं, कुछ लोग मृतक युवक के मुस्लिम समुदाय से होने की वजह से लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं. 

बिजनौर के रहने वाले सोशल वर्कर मोहम्मद आबिद ने बताया कि जिला अस्पताल में आए दिन इस तरह की लापरवाही देखने को मिलती है. स्टॉफ मरीजों के साथ बुरा सुलूक करते हैं. उन्होंने बताया कि अक्सर अस्पतला में मरीजों की लंबी लाइन लगी होती है, लेकिन डॉक्टर, फॉर्मासिस्ट समेत दूसरे कर्मचारी कोई ध्यान नहीं देते हैं. अगर उनसे कोई शिकायत कर दी जाए तो वह लड़ाई झगड़ा करने पर उतर आते हैं. कमोबेश यही हाल जिले में स्थित बढ़ापुर स्वास्थ्य केंद्र का है.   

फिलहाल, इस मामले में अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. बिजनौर जिलाधिकारी और एसडीएम बिजनौर के ऑफिशिलयल नंबर पर कांटैक्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

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