छत्तीसगढ़ में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे का खुलासा, फर्जी रजिस्ट्री से बने मालिक!
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छत्तीसगढ़ में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे का खुलासा, फर्जी रजिस्ट्री से बने मालिक!

Waqf Property in Chhattisgarh: हालिया दिनों वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड एक्शन में है. इससे पहले दिल्ली से एक टीम वक्त प्रॉपर्टियों की निरीक्षण करने के लिए छत्तीसगढ़ पहुंची थी. वक्फ बोर्ड ने अवैध कब्जा करने वालों और किराया अदा न करने वालों के खिलाफ नोटिसा जारी किया है. 

 

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का एक्शन
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का एक्शन

Chhattisgarh News Today: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अमेंडमेंट एक्ट पर सुनवाई के बाद इस पर अंतरिम रोक लगा दी है. इससे पहले वक्फ कानून को हालिया दिनों राष्ट्रपति की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद देशभर में वक्फ संपत्तियों का निरीक्षण किया जा रहा है. दूसरी छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड भी एक्शन मोड में हैं. इसी क्रम में राजधानी रायपुर के 78 वक्फ संपत्तियों के किरायेदारों को नोटिस दिया गया है. 

प्रदेशभर में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों और किराया नहीं देने वालों के खिलाफ वक्फ बोर्ड ने कार्रवाई शुरू कर दी है. छत्तीसगढ़ में राज्य वक्फ बोर्ड की 400 संपत्तियों पर कब्जे का खुलासा हुआ है. इसमें रायपुर जिले की 78 प्रॉपर्टी शामिल हैं, जिसमें किराएदार फर्जी रजिस्ट्री कर अब मालिक बन बैठे हैं. रायपुर के पॉश इलाके के मालवीय रोड और हलवाई लाइन की 40 दुकान ऐसी जो वक्फ बोर्ड की हैं, इन पर अवैध ढंग से कब्जा जमा कर बैठे व्यापारियों को नोटिस भेजा गया है. जिससे हड़कंप मच गया.

नोटिस मिलने पर क्या कहा?

बोर्ड की तरफ से ज्यादातर नोटिस रायपुर के सबसे बड़े मार्केट गोलबाजार इलाके में दी गई है. कारोबारी राजेश वासवानी ने बताया उन्हें भी नोटिस मिला है. राजेश वासवानी ने दावा किया कि उनका इस प्रॉपर्टी पर 40 सालों से कब्जा है और इसे उनके बुजुर्गों ने खरीदी है. उन्होंने इसके दस्तावेज भी दिखाए. राजेश वासवानी ने बदनाम करने का आरोप लगाया गया. इसी तरह कुछ और भी कारोबारी को नोटिस दिया गया है, उन्होंने भी संपत्ति खरीदने का दावा किया है.

वफ्फ बोर्ड के जरिये नोटिस दिए जाने को लेकर मौलाना सैय्यद अशरफ जिलानी ने आरोप लगाया कि कब्जा करने और प्रॉपर्टी बेचने में कांग्रेस और भाजपा दोनों जिम्मेदार हैं. कुछ प्रोपर्टी छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले मध्य प्रदेश के दौरान बेची गई. राज्य गठन के बाद भाजपा सरकार में भी कई संपत्तियां बेची गईं. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि बिना एनओसी दिए कैसे इतनी बड़ी संपत्तियां बेची जा सकता है. केंद्र सरकार का डंडा पड़ा है, तब मामला उजागर हो रहा है. 

कांग्रेस ने लगाए ये आरोप

दूसरी तरफ वफ्फ बोर्ड जरिये नोटिस दिए जाने को कांग्रेस ने प्रोपेगैंडा पॉलिटिक्स बताया है. प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य बनने के बाद लंबे समय तक भाजपा की सरकार रही. भाजपा के जरिये नामित व्यक्ति ही वक्फ के अध्यक्ष रहे हैं. वर्तमान में वफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष कुछ भी बयान देते हैं, वो दलाली और चाटुकारिता में गैर कानूनी काम कर रहे हैं, जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. 

बता दें, बीते सप्ताह भारत सरकार की 10 सदस्यीय टीम दिल्ली से छत्तीसगढ़ पहुंची थी और यहां की वक्फ संपत्तियों का निरीक्षण किया था. छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने वक्फ संपत्ति पर कब्जा कर जिन लोगों ने वक्फ संपत्ति बेची है, उन लोगों की रजिस्ट्री शून्य करने की भी कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके अलावा जो किरायेदार हैं और जिनकी राशि बकाया है, उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है.

राज्य कितनी है वक्फ की संपत्ति? 

छत्तीसगढ़ में वफ्फ बोर्ड के नाम पर कई जिलों में संपत्तियां हैं. इनमें राजधानीय रायपुर में 832, बिलासपुर में 1401, दुर्ग में 125, बस्तर में 55, कोरबा में 44 संपत्ति वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज हैं. इसी तरह राजनांदगांव में 300, धमतरी में 312, गरियाबंद में 943, सरगुजा में 226 और सूरजपुर में 354 संपत्तियां वक्फ बोर्ड की हैं.

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