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'यूपी में दलितों और मुसलमानों का जीना हराम,' इमरान मसूद का योगी सरकार गंभीर आरोप

Imran Masood on Muslim Discrimination: उत्तर प्रदेश में दलित और मुस्लिम समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और सरकारी लापरवाही पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि संविधान खतरे में है, बुलडोजर कार्रवाई और हिंसा लगातार जारी है, यूपी में 26 हजार से ज्यादा दलित उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं.

 

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद (फाइल फोटो)
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद (फाइल फोटो)

Uttar Pradesh News Today: उत्तर प्रदेश में हालिया दिनों बढ़ता क्राइम ग्राफ, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही सरकारी कार्रवाई और दलितों की कथित टार्गेट किलिंग को लेकर कांग्रेस नेता इमरान मसूद का बड़ा बयान सामने आया है. सोमवार (6 अक्टूबर) को सांसद इमरान मसूद ने दावा किया कि संविधान खतरे में हैं, आलम यह है कि मुसलमानों और दलितों का जीना हराम हो गया है. 

इमरान मसूद ने ने कहा कि "जब हम बार-बार कहते हैं कि देश का संविधान खतरे में है, तो अब यह स्पष्ट दिख रहा है. देश में जो घटनाएं हो रही हैं, उनका असर सिर्फ देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी दिखाई दे रहा है. हम पूरी दुनिया में अलग नजर आ रहे हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि "सरकार संविधान पर अमल नहीं कर रही है. दलितों और मुसलमानों का जीना हराम हो गया है."

सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी बुलडोजर कार्रवाई लगातार जारी है. उन्होंने आगे कहा, "यहां कानून का राज नहीं बल्कि उनके नियम और विचारधारा का राज है. जिसे चाहो सजा दो, जिसे चाहो उसका घर तोड़ दो, जब चाहे उसका ऑन द स्पॉट फैसला करे."

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बीजेपी राज्यों में मुस्लिमों पर बढ़े अत्याचार!

इमरान मसूद ने कहा, "उत्तर प्रदेश में दलितों और औरतों के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं." उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 10 सालों में यूपी में दलितों पर शारीरिक हमले, हत्याएं, सामाजिक बहिष्कार और संस्थागत भेदभाव लगातार बढ़ रहा है. देश के पांच राज्यों में जहां बीजेपी की सरकार है, दलित उत्पीड़न के 75 फीसदी मामले वहां दर्ज हुए हैं. इनमें से अकेले उत्तर प्रदेश में 26.02 फीसदी मामले हैं.

कांग्रेस सांसद ने रायबरेली की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक दलित नौजवान को सिर्फ इसलिए पेट में मारकर हत्या कर दी गई कि उसने राहुल गांधी का नाम लिया और मदद मांगी. मसूद ने सवाल उठाया कि क्या उत्तर प्रदेश में न्यायालय जांच की कोई जरुर नहीं है और क्या वहां दरिंदों को खुलेआम हत्याकांड की छूट दे दी गई है.

यूपी में दलित उत्पीड़न के 26 हजार केसेज

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने बुलडोजर कार्रवाई पर चेतावनी दी थी, लेकिन लगातार इसे जारी देखा जा रहा है. हापुड़ में 5 अक्टूबर 2025 को दलितों के धार्मिक कार्यक्रम के दौरान पथराव, मैनपुरी में रेप, अमरोहा में तलवार से हमला और प्रयागराज में हत्या के बाद शव जलाने जैसी घटनाएं सामने आई हैं. प्रदेश सरकार ने कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं किया. 

इमरान मसूद ने आरोप लगाया कि यूपी में लगातार डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर की मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं और उन पर कालिख लगाई जा रही है. उन्होंने कहा कि नसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि देश में दलित उत्पीड़न के 57 हजार मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 26 हजार से ज्यादा सिर्फ उत्तर प्रदेश में हैं. उन्होंने कहा कि इन 'बाबा वादियों' ने संविधान को नजरअंदाज कर खुद फैसले लेना शुरू कर दिया है.

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