AIMPLB Protest against Waqf Amendments Act: AIMPLB ने विवादित वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ जंतर-मंतर पर शनिवार (11 अक्टूबर) को धरना देने की योजना बनाई थी. इस प्रदर्शन को दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी और बताया कि पिछले प्रदर्शन के दौरान AIMPLB ने नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया था. हालांकि, अभी तक दिल्ली पुलिस ने यह नहीं बताया कि पिछले प्रदर्शन के दौरान किन नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया था.
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Delhi News Today: विवादित वक्फ संशोधन कानून 8 अप्रैल 2025 को लागू होने के बाद, इसके खिलाफ लगातार देश के कोने-कोने में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी क्रम में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के जरिये शनिवार (11 अक्टूबर ) को वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ जंतर-मंतर पर आयोजित किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने रोक लगा दी है.
AIMPLB की मांग पर दिल्ली पुलिस की परमिशन न मिलना हैरान करने वाला है. इसको लेकर सफाई देते हुए नई दिल्ली के डीसीपी ने साफ किया कि पिछले प्रदर्शन में AIMPLB के जरिये शर्तों का उल्लंघन किया गया था और इस बार बोर्ड की मांग थी कि उनके पदाधिकारी गिरफ्तारी देने को तैयार रहें. इसी वजह से पुलिस ने इस धरने के आयोजन को परमिशन देने से मना कर दिया है.
AIMPLB ने यह धरना वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित करने की योजना बनाई थी. बोर्ड का कहना था कि यह धरना दो से तीन घंटे तक चलेगा और इसके बाद अगर जरूरत पड़ी तो पदाधिकारी गिरफ्तारी देने को तैयार होंगे. बोर्ड ने पुलिस से पहले से ही परमिशन मांगी थी, लेकिन पुलिस ने बोर्ड के पिछले व्यवहार और शर्तों का हवाला देते हुए इजाजत देने से इंकार दिया है. हालांकि, पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि AIMPLB ने धरने के दौरान किन शर्तों और नियमों को उल्लंघन किया था.
हालांकि, AIMPLB ने अब भी अपनी चिंता जताई है कि वक्फ संशोधन कानून मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ जा रहा है और इसे लेकर उनका विरोध शांतिपूर्ण तरीके से दर्ज कराया जाना चाहिए. बोर्ड ने यह भी कहा कि अगर धरने की अनुमति नहीं मिली, तो वे अन्य कानूनी रास्तों और संवाद के माध्यम से अपनी आवाज उठाएंगे.
बता दें, AIMPLB) ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ पूरे देश में कई प्रदर्शन और आंदोलन चलाए हैं. AIMPLB का कहना है कि यह कानून भेदभावपूर्ण, असंवैधानिक और वक्फ संपत्तियों पर सरकारी हस्तक्षेप है. जुलाई 2025 से अक्टूबर 2025 तक बोर्ड ने अलग-अलग शहरों में धरना, सभा, मानव श्रृंखला और राष्ट्रव्यापी विरोध अभियान चलाए.
AIMPLB ने मार्च 2025 में देशव्यापी विरोध की शुरुआत की थी. 17 मार्च को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर 'महा धरना' आयोजित हुआ, जिसमें AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और अन्य मुस्लिम संगठनों ने भाग लिया. इसके बाद 26 मार्च को पटना में विधानसभा के सामने धरना आयोजित हुआ, जिसमें RJD नेता लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव शामिल हुए. 29 मार्च को विजयवाड़ा में 'महा धरना' का दूसरा चरण आयोजित किया गया, जिसमें जिला स्तर पर सेमिनार, धरना और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने का अभियान चलाया गया.
बीते 27 मार्च को पूरे देश में जुमे की नमाज पर काली पट्टी बांधने की अपील के साथ राष्ट्रव्यापी विरोध अभियान शुरू किया गया. तमिलनाडु विधानसभा ने बिल वापसी का प्रस्ताव पारित किया. 19 अप्रैल को हैदराबाद में AIMPLB और AIMIM की संयुक्त जनसभा हुई, जिसमें वक्फ संपत्तियों पर "सरकारी हमला" बताया गया.
4 जुलाई को बेंगलुरु की जामिया मस्जिद और अन्य मस्जिदों में मानव श्रृंखला और शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित किया गया. 28 जुलाई को चामराजनगर, कर्नाटक में SDPI के साथ संयुक्त विरोध सभा आयोजित हुई. 22 जून को रांची में 'सेव वक्फ कॉन्फ्रेंस' आयोजित हुई, जबकि 24 अगस्त को चिक्कमगलुरु में स्थानीय मुस्लिम नेताओं के साथ 'सेव वक्फ, सेव संविधान कॉन्फ्रेंस' हुई. 15 जून को यवतमाल, महाराष्ट्र में AIMPLB के स्थानीय सदस्यों ने सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन किया.
इसके अलावा 3 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में 'सेव वक्फ' अभियान के तहत भारत बंद की योजना बनाई गई थी, लेकिन धार्मिक त्योहारों के कारण इसे स्थगित करना पड़ा. AIMPLB ने नई तारीख की घोषणा अभी करनी है. इस तरह AIMPLB ने पूरे देश में लगातार धरना, सभा और विरोध प्रदर्शन करके वक्फ कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है और इसे वापस लेने की मांग जारी रखी है.
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