दुनिया भर में तेज़ी से पाँव पसार रहा इस्लाम धर्म; एक बड़े मजहब में घट रही लोगों की आस्था; सर्वे में खुलासा
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दुनिया भर में तेज़ी से पाँव पसार रहा इस्लाम धर्म; एक बड़े मजहब में घट रही लोगों की आस्था; सर्वे में खुलासा

Pew Report on Religion: प्यू रिसर्च सेंटर ने दुनिया भर में धार्मिक आधार जनसंख्या का आंकलन किया है. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाला खुलासा किया है. बीते एक दशक में ईसाई, इस्लाम के बाद नास्तिकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. जबकि बौद्ध दुनिया का एकमात्र धर्म है, जिसके अनुयायियों की संख्या घटी है. 

 

दुनिया भर में तेज़ी से पाँव पसार रहा इस्लाम धर्म; एक बड़े मजहब में घट रही लोगों की आस्था; सर्वे में खुलासा

Pew Research on Religious Affiliation: भारत समेत दुनियाभर में तेजी से मानव आबादी बढ़ रही है. कुछ लोग इसे एक सकारात्मक पहलू मानते हैं, जबकि कुछ इसे धरती के लिए खतरा बता रहे हैं. प्यू रिसर्च सेंटर ने सोमवार (9 जून) को दुनिया में धार्मिक आधार पर आबादी का आंकड़ा पेश किया है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इसमें इस्लाम धर्म को दुनिया का सबसे बड़ा तेजी से फैलता हुआ मजहब बताया गया है. 

 प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, 2010 से 2020 के बीच दुनिया में ईसाई धर्म के मानने वालों की आबादी की सबसे ज्यादा थी, लेकिन वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के साथ तालमेल न बैठा पाने की वजह से ईसाई धर्म के अनुयायियों की तादाद तेजी से घटी है. इस बीच इस्लाम धर्म के दुनियाभर में तेजी से अनुयायी बढ़े है. दुनियाभर में तेजी से मुसलमानों की आबादी में इजाफा दर्ज किया गया है. 

ईसाई धर्म की हिस्सेदारी घटी, इस्लाम की बढ़ी

इस रिपोर्ट में 27 सौ से ज्यादा जनगणनाओं और सर्वे के विश्लेषण के जरिये धार्मिक जनसांख्यिकी के प्रभाव और बदलाव का आंकलन किया गया. इसमें बताया गया है कि ईसाई धर्म की पूरी दुनिया में कुल 2.3 अरब आबादी है. इस जनसंख्या में ईसाई धर्म के मानने वाले सभी संप्रदाय शामिल हैं. भले ही यह संख्या बहुत ज्यादा हो लेकिन हालिया कुछ सालों में ईसाई धर्म की जनसंख्या 1.8 फीसदी घटकर 28.8 फीसदी हो गई है. ईसाई अनुयायियों की जनसंख्या में बड़े पैमाने पर कमी की वजह धर्म छोड़ना है.

दूसरी तरफ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विश्व समुयाद में बीते दशक में इस्लाम धर्म ने तेजी से अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. बीते एक दशक में पूरी दुनिया में मुस्लिम आबादी 1.8 फीसदी बढ़कर 25.6 फीसदी हो गई है. प्यू की इस रिपोर्ट के प्रमुख लेखक कॉनराड हैकेट ने कहा, "यह बहुत ही हैरान करने वाला है कि बीते 10 सालों की इतना बड़ा बदलाव आया है. इस दौरान ईस्लाम और ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या लगभग एक दूसरे के करीब आ गई है. इस दौरान दूसरे धर्मों की तुलना मुस्लिम आबादी पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ी है."  

दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम नौजवानों की आबादी 

इतना ही नहीं इस्लाम धर्म के बढ़ने की वजहों के विश्लेषण के बाद कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं. मुस्लिमों की जनसंख्या में तेजी से इजाफे की वजह नौजवानों की आबादी है. 2020 तक आलमी सतह पर गैर-मुस्लिमों की औसत उम्र 33 साल थी, जबकि मुस्लिम नौजवानों की औसत उम्र महज 24 साल थी. इसके अलावा कई इलाकों में उच्च प्रजनन दर, ईसाई धर्म समेत दूसरे धर्मों की तुलना में धर्मांतरण की कम दर और दूसरे धर्म को छोड़कर इस्लाम कुबूल करने की वजह से भी मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ी है.

सबसे ज्यादा इसाई धर्म छोड़ रहे हैं लोग 

कॉनराड हैकेट ने बताया कि दुनिया भर में ईसाई धर्म को मानने वाला हर तीन नौजवान इसी धर्म में  पला बढ़ा था, लेकिन बाद में उन्होंने ईसाईयत छोड़ कर दूसरे धर्म में शामिल हो गए या फिर नास्तिक (जो किसी भी धर्म को नहीं मानता) हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक, ईसाई धर्म के 31 फीसदी अनुयायी सहारा अफ्रीका में रहते हैं. इससे पहले यूरोप में सबसे अधिक ईसाई रहते थे.

कॉनराड हैकेट ने बताया कि सहारा अफ्रीका की उच्च प्रजनन क्षमता, नौजवा आबादी और तेजी से तरक्की की वजह से यहां पर ईसाई धर्म के अनुयायियों की आबादी बढ़ी है. इसके उलट यूरोप में बढ़ती उम्र, कम प्रजनन क्षमता और धर्मांतरण ईसाई धर्म की घटती आबादी की प्रमुख वजह है. दूसरे धर्मों के मुकाबले में ईसाई धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में शामिल होने का आंकड़ा सबसे ज्यादा रहा है. इस दौरान ईसाईयत छोड़कर बड़ी संख्या में लोग नास्तिक हो गए. 

साल 2020 में दुनिया की लगभग एक चौथाई आबादी (24.2 फीसदी) ने अपने आपको नास्तिक बताया यानी उन्होंने अपने आपको किसी धर्म से नहीं जोड़ा है. हालांकि, इससे पहले 2010 में आलमी सतह पर नास्तिकों की आबादी 23.3 फीसदी थी. बीते एक दशक में नास्तिकों की आबादी में दूसरे धर्म के मुकाबले बेतहाशा इजाफा हुआ है.

हैकेट ने कहा कि रिसर्चर्स ने अनुमान लगाया था कि नास्तिक आबादी उम्र बढ़ने और कम बच्चे पैदा करने की वजह से कम हो जाएगी, लेकिन दूसरे धर्म को छोड़कर खासकर ईसाईयत छोड़कर नास्तिक बनने की ओर बढ़ते रुझान की वजह से उनकी आबादी में खासा इजाफा दर्ज किया गया है.

दुनिया की सबसे बड़ी नास्तिक आबादी चीन में 

दुनिया की सबसे बड़ी नास्तिक आबादी चीन में होने की उम्मीद है. ऐसा मानना है कि चीन में 1.4 अरब आबादी में 1.3 अरब लोगों ने धर्म को छोड़कर नास्तिक बन गए. इसके बाद अमेरिका में  331.5 मिलियन में से 101 मिलियन, 126.3 मिलियन आबादी वाले जापान में 72 मिलियन लोग नास्तिक हो गए. उनका धर्म की तरफ रुझान खत्म हो गया. 

बौद्ध धर्म की आबादी में भी गिरावट 

इस दौरान बौद्ध धर्म ने सबसे ज्यादा आबादी में गिरावट दर्ज की गई है. साल 2010 में 343 मिलियन लोग बौद्ध धर्म के मानने वाले थे, जो 2020 में घटकर सिर्फ 324 मिलियन रह गए. दुनिया में बौद्ध धर्म एक मात्र धर्म जिसके अनुयायियों की संख्या घटी है. इसकी वजह धर्मांतरण और कम जन्म दर है. रिपोर्ट में पाया गया कि हिंदू और यहूदी धर्म के अनुयायियों की संख्या लगभग स्थिर रही और उनकी आबादी में खास इजाफा नहीं दर्ज किया गया है. 

हैकेट ने उम्मीद जताई कि आने वाले सालों में इस्लाम और ईसाई धर्म में धर्मांतरण की जंग जारी रहेगी. इस दौरान इस्लाम आने वाले सालों में दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बनने को तैयार है, जब तक कि रूझान में बदलाव नहीं आता है.

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