काशी में बांग्लादेशी महिला अंबिया बानो ने अपनाया हिंदू धर्म, धर्मांतरण को लेकर किया चौंकाने वाला खुलासा
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2754534

काशी में बांग्लादेशी महिला अंबिया बानो ने अपनाया हिंदू धर्म, धर्मांतरण को लेकर किया चौंकाने वाला खुलासा

Bangladeshi Muslim Converted to Hindu: बांग्लादेश मूल की लंदन में रहने वाली एक महिला ने इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है. यह घटना वाराणसी में चर्चा का विषय बना हुआ है. इससे पहल उन्होंने अपनी बेटी का ख्वाब पूरा करने के लिए हिंदू धर्म अपना लिया है.

 

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

UP Religious Conversion: बांग्लादेश मूल की मुस्लिम महिला अंबिया बानो ने हिंदू धर्म अपना लिया है. धर्म परिवर्तन के बाद अंबिया बानो ने अपना नाम बदलकर अंबिया माला कर लिया है. बांग्लादेशी मूल के महिला के धर्म परिवर्तन की कहानी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. अंबिया बानों का हिंदू धर्म में शामिल होने का यह सफर काशी के दशाश्वमेध घाट पर पिंडदान के साथ शुरू हुआ, जो उन्होंने अपने बेटी की आत्मा की शांति के लिए किया जिसकी मौत गर्भ में ही हो गई थी.

अंबिया बानो (49) मूल रूप से बांग्लादेश के सिहेत, सुनामगंज स्थित श्रीरामपुर की रहने वाली हैं. अंबिया लंदन में पली-बढ़ीं और वहीं उनका विवाह ईसाई युवक नेविल बॉरन जूनियर से हुआ. शादी के लिए अंबिया के पति नेविल ने मुस्लिम धर्म अपना लिया था, लेकिन दस साल बाद दोनों का तलाक हो गया. अब खुद अंबिया ने  इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है. 

पिंडदान कर अपनाया हिंदू धर्म

हिंदू धर्म में शामिल होने से पहले अजन्मी बेटी का पिंडदान किया. पिंडदान की रस्म का काशी के 5 वैदिक ब्राह्मणों ने पूरी रीति- रिवाज के साथ मुकम्मल कराया. धार्मिक अनुष्ठान से पहले सामाजिक संस्था 'आगमन' के संस्थापक सचिव डॉ. संतोष ओझा ने अंबिया बानों को गंगा स्नान कराया और फिर पंचगव्य ग्रहण कराया और आत्मशुद्धि के साथ हिंदू धर्म की दीक्षा दिलाई.

हिंदू धर्म अपनाने के पीछे अंबिया बानो ने चौंकाने वाला खुलासा किया. अंबिया बताती हैं कि पिछले कई सालों से उनकी अजन्मी बेटी उन्हें सपने में आकर मुक्ति की गुहार लगा रही थी. इससे परेशान होकर उन्होंने काशी पहुंचीं और धार्मिक विधानों की जानकारी हासिल की. जिसके बाद उन्हें संस्था 'आगमन' की जानकारी मिली फिर उन्होंने धार्मिक विधानों के पालन के लिए इस संस्था से कांटैक्ट किया. 

अंबिया बानों ने क्या कहा?

दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, वैशाख पूर्णिमा के मौके पर अपराह्न काल में आचार्य पंडित दिनेश शंकर दुबे ने श्राद्ध कर्म की शुरुआत कराई. पंडित सीताराम पाठक, कृष्णकांत पुरोहित, रामकृष्ण पांडेय और भंडारी पांडेय ने धार्मिक रस्मों को पूरा कराने में मदद की. अंबिया बानों के मुताबिक, हिंदू धर्म में शामिल होकर उन्हें आत्मिक शांति और जीवन का उद्देश्य हासिल हुआ है. 

 

Trending news

;