Nitesh Rane Controversial statement: महाराष्ट्र के मंत्री और बीजेपी विधायक नितेश राणे एक बार फिर विवादों में हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान पर विवादित टिप्पणी के बाद विपक्ष ने उन्हें घेरा और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप लगाए. बता दें, मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयानों के लिए राणे पर अब तक 20 से ज्यादा FIR दर्ज हो चुकी हैं.
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Maharashtra News Today: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) अक्सर सुर्खियों में बने रहने के लिए देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ विवादित बयान देते रहते हैं. सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और नफरत फैलाने के आरोप में अब तक नितेश राणे के खिलाफ अब तक कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. कानूनी कार्रवाईयों के बावजूद नितेश राणे लगातार विवादित बयान देते रहे हैं
महाराष्ट्र के कांकावली विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी विधायक और महायुति सरकार में मंत्री नारायण राणे ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और पूर्व विधायक वारिस पठान के खिलाफ विवादित बयान दिया है. नारायण राण ने कहा,"जो कुत्ते भोंकने वाले होते हैं, वह काटते नहीं हैं."
बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति सरकार में मंत्री राणे ने धमकी देते हुए कहा, "अगर महाराष्ट्र में इसी तरह से कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की गई, तो हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे." नितेश राणे ने वारिस पठान को चुनौती देते हुए कहा कि वह साफ-साफ बताएं कि किस मस्जिद के बाहर आना है, जहां उन्हें जवाब दिया जाएगा कि यह हिंदुत्व की सरकार है.
मंत्री नितेश राणे के इस विवादित बयान से एक बार फिर से महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई हो गया है. नितेश राणे के इस बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. सियासी दलों ने राणे के बयान को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला और भड़काऊ करार दिया है. यह पहला मौका नहीं जह बीजेपी के पू्र्व नेता नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने विवादित और भड़काऊ बयान दिया हो. इससे पहले भी वह कई बार मुसलमानों पर आपत्तिजनक और विवादित टिप्पणी कर चुके हैं.
बता दें फडणवीस सरकार के मंत्री नितेश राणे अपने भड़काऊ और सांप्रदायिक बयानों के लिए लगातार सुर्खियों में रहे हैं. वे अक्सर अपने भाषणों में मुसलमानों को निशाना बनाते हुए हिंसा, बहिष्कार और धार्मिक विभाजन जैसे बयान देते रहे हैं. उनके ऐसे बयानों की वजह से 20 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें धार्मिक भावनाएं भड़काने और नफरत फैलाने के आरोप शामिल हैं. आइये जानते हैं नितेश राणे कब-कब दिया है नफरती और विवादित बयान-
जनवरी 2024:
मिरा रोड हिंसा के बाद नितेश राणे ने मुसलमानों को "रोहिंग्या और बांग्लादेशी" कहकर धमकी दी कि "उन्हें पीटेंगे और नंगा करेंगे." यह बयान उन्होंने मुंबई के मालवणी, मांकुर्ड और घाटकोपर इलाकों में दिया था. इस पर 4 एफआईआर दर्ज हुईं, लेकिन पुलिस ने धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस) नहीं लगाई. कोर्ट के आदेश पर बाद में मामला आगे बढ़ा.
अप्रैल 2024:
नितेश राणे ने पुणे और मुंबई में एक सभा के दौरान मुसलमानों पर "हिंदू महिलाओं को फंसाने" का आरोप लगाया. इस बयान पर 4 और एफआईआर दर्ज हुईं, जिससे कुल एफआईआर की संख्या 20 पार हो गई. AIMIM ने इस बयान के खिलाफ जोरदार विरोध किया.
सितंबर 2024:
अहमदनगर के श्रीरामपुर और टोपखाना में हिंदू संत रामगिरी महाराज के समर्थन में उन्होंने कहा-"अगर रामगिरी महाराज के खिलाफ कुछ कहा तो मस्जिदों में घुसकर चून-चूनकर मारेंगे." इस बयान पर 2 एफआईआर हुईं. कांग्रेस ने उनकी सुरक्षा हटाने की मांग की, जबकि बीजेपी प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने निंदा की.
सितंबर 2024 में ही मुंबई के उलवे में एक रैली के दौरान उन्होंने रियल एस्टेट ब्रोकर्स को "गैर-हिंदुओं से कोई डील न करने" की शपथ दिलाई. कहा-"सर्वधर्म समभाव भूल जाओ, केवल हिंदुओं की चिंता करो." AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने इसका विरोध किया और उन्हें संविधान की किताबें भेजने की बात कही.
जनवरी 2025:
पुणे में एक सभा के दौरान मुसलमानों को "ग्रीन स्नेक" (हरा सांप) कहा और केरल को "मिनी पाकिस्तान" बताते हुए कहा कि "वहां आतंकवादी राहुल और प्रियंका को वोट देते हैं." इस बयान पर भी विपक्षी नेताओं ने संविधान की शपथ का हवाला देते हुए आलोचना की.
मार्च 2025:
कराड और खुलदाबाद में उन्होंने कहा कि "छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में कोई मुसलमान नहीं था" और औरंगजेब की कब्र हटाने की धमकी दी. डिप्टी सीएम अजित पवार ने ऐतिहासिक तथ्यों से उनका दावा गलत बताया. AIMIM ने विरोध दर्ज किया.
नितेशा राणे ने मार्च 2025 में ही दूसरा बयान अहमदनगर के मधि गांव में दिया, जब राणे मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध का समर्थन करते हुए कहा-"मुसलमानों का पैसा जिहाद के लिए इस्तेमाल होता है." इस फैसले पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.
अप्रैल 2025:
पाकिस्तान आतंकी हमले के बाद राणे ने कहा-"हर मस्जिद और मदरसे में पाकिस्तान की निंदा हो रही है, लेकिन मुसलमानों को पाकिस्तान से गुस्सा है." साथ ही उन्होंने लोगों से कहा-"दुकानदारों का धर्म पूछो, हनुमान चालीसा न जानने पर सामान मत खरीदो." इस बयान पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने नफरत फैलाने का आरोप लगाया.
सितंबर-अक्टूबर 2025:
बीते माह सितंबर में मुंबई के मांकुर्ड में गणेश पंडाल कार्यक्रम में नितेश राणे ने कहा, "गोल टोपी वालों ने हमें वोट नहीं दिया. इसलिए यह हिंदुत्ववादी सरकार है." इसे विपक्ष ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश बताया. इसी तरह अक्टूबर में पुणे में ईवीएम को लेकर नितेश राणे ने कहा "EVM का मतलब है Every Vote Against Mullah (हर वोट मुल्ला के खिलाफ)." इस बयान की उनके पिता नारायण राणे ने भी निंदा की. विपक्षी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि वह हिंदू-मुस्लिम एकता तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
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