Malegaon Blast Case में NIA का यू-टर्न, साध्वी प्रज्ञा समेत आरोपियों को सजा दिलाने की मांग
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Malegaon Blast Case में NIA का यू-टर्न, साध्वी प्रज्ञा समेत आरोपियों को सजा दिलाने की मांग

Malegaon Blast Case: 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है, क्योंकि NIA, जिसने पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और दूसरे को क्लीन चिट दी थी. अब यूएपीए के तहत सख्त सजा की मांग कर रही है. मुंबई की अदालत में 1500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है, जिससे मामले पर बहस फिर से शुरू हो गई है.

Malegaon Blast Case में NIA का यू-टर्न, साध्वी प्रज्ञा समेत आरोपियों को सजा दिलाने की मांग

Malegaon Blast Case: महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को बड़ा बम धमाका हुआ था. इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. यह धमाका मुस्लिम बहुल इलाके में एक मस्जिद के पास हुआ था. इस मामले में पुलिस ने बीजेपी नेता और पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और उनके साथियों को दोषी बनाया था. हालांकि, बाद में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और उनके साथियों को NIA ने क्लीन चिट दे दी थी. इसके बाद से ही NIA पर सवाल उठ रहे थे. अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी का रुख बदल गया है जांच एजेंसी ने मुंबई की एक कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि आरोपियों को बेकसूर मानने की बात गलत है और उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा और बाकी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं, लेकिन अब उसी एजेंसी ने अदालत में यूएपीए (UAPA) की धारा 7A का हवाला देकर कहा है कि उन्हें सबूतों का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. एनआईए के इस बदलते रवैये की पूर्व सरकारी वकील रोनी सलियन ने आलोचना की है और इल्जाम लगाया है कि एजेंसी का रवैया शुरू से ही साध्वी के पक्ष में झुका हुआ रहा है.

कोर्ट से NIA ने की थी ये अपील
कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट करीब 1500 पन्नों की है, जिसमें सभी गवाहों और सबूतों का जिक्र है. कोर्ट ने एनआईए की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें कुछ गवाहों को सजा से बचाने की मांग की गई थी. इस केस में साध्वी प्रज्ञा के साथ-साथ मेजर उपाध्याय, स्वामी दयानंद पांडे, कर्नल पुरोहित और कुछ दूसरे पर बम धमाके की साजिश रचने का इल्जाम है. पहले इस मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की थी और उसी ने साध्वी प्रज्ञा को मुख्य मुल्जिम बताया था. अब देखना होगा कि कोर्ट का अंतिम फैसला क्या आता है, लेकिन एनआईए के बदले रुख ने इस केस को फिर से चर्चा में ला दिया है.

कौन है साध्वी प्रज्ञा 
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बीजेपी नेता और पूर्व सांसद हैं. वे भोपाल से सांसद थीं. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मूल रूप से मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं और हिंदू राष्ट्रवाद से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय रही हैं. साध्वी प्रज्ञा 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में मुल्जिम रही हैं और लंबे वक्त तक जेल में रहीं. हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हराकर संसद में एंट्री की. वे अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहती हैं और खुद को 'राष्ट्रवादी साध्वी' कहती हैं.

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