Maulana Shahabuddin on I Love Muhammad campaign: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने I Love Muhammad पर मुस्लिम नौजवानों को नसीहत दी है. इस नसीहत का समर्थन करते हुए मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि I Love Muhammad का अभियान इस्लाम के कानून के खिलाफ है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Maulana Shahabuddin on I Love Muhammad campaign: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने I Love Muhammad पर देश भर में चल रहे विवाद को लेकर हाल ही में मुस्लिम युवकों को नसीहत दी है. उनके इस नसीहत को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने समर्थन किया है. मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जो भी नसीहत दी है वह एकदम सही है.
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि आई लव मुहम्मद की तख्ती लेकर सड़कों पर उतरना यह शरीयत के खिलाफ है. मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि अगर मुहम्मद (स.) के प्रति आपका लगाव है और आप उनसे मोहब्बत करते हैं तो उसको अपने दिल और दिमाग में रखिए सड़कों पर तख्ती लेकर निकलना बेहद गलत है.
साथ ही मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि सड़कों पर I Love Muhammad के तख्ती लेकर निकलने से कई जिलों में विवाद की नौबत आ गई, लिहाजा उन्होंने मुस्लिम समाज के नौजवानों को नसीहत दी है कि अगर आपको मुहम्मद (स.) से लगाव है तो अपने दिल से खुशी का इजहार कीजिए ना की पोस्टर और बैनर लगाकर सड़कों पर उतरें.
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने I Love Muhammad पर चल रहे विवाद को लेकर मुस्लिम समाज के नौजवानों को नसीद दी. उन्होंने कहा कि इस प्राकर के विवाद से राज्य को नुकसान पहुंचता है. उन्होंने मुस्लिम युवकों से अपील की कि मुहम्मद (स.) के प्रति अपनी आस्था को निजी स्तर पर रखें. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने I Love Muhammad के नाम पर उत्पात मचाने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोगों से सरकार सख्ती के साथ निपटेगी और कड़ी कार्रवाई करेगी.
गौरतलतब है कि I Love Muhammad का विवाद उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ. यहां पर ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर कुछ मु्स्लिम युवकों ने चौक पर I Love Muhammad का पोस्टर लगाए थे. लेकिन पुलिस ने पस्टर को वहां से हटवा दिया और पोस्टर लगाने वाले युवकों पर मुकदमा दर्ज किया गया. इस कार्रवाई के बाद देश भर के मुस्लिम समाज के लोग I Love Muhammd अभियान के समर्थन में उतर गए और कई राज्यों में हिंसा की घटनाएँ भी हुई.