पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जारी हुआ फतवा; दिमाग की बत्ती जला देगी ये खबर
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पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जारी हुआ फतवा; दिमाग की बत्ती जला देगी ये खबर

Sunni Bareilvi Ulema Fatwa: बरेली में सुन्नी बरेलवी उलमाओं ने आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया. जानिए मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने क्यों जारी किया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

पाकिस्तान और आतंकवाद के  खिलाफ जारी हुआ फतवा; दिमाग की बत्ती जला देगी ये खबर

Sunni Bareilvi Ulema Fatwa: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में छिपे आतंकियों के ठिकाने के ऑपरेशन सिंदूर के तहत तबाह कर दिया. भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर हमला कर दिया है. पाकिस्तान ने तुर्की में बने ड्रोन से भारत पर अटैक किया. हालांकि, भारतीय फौज ने पाक के हर नापाक हरकत को नाकाम कर दिया. 10 मई को पाकिस्तान के गुहार पर भारत ने सीजफायर का ऐलान कर दिया. इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सुन्नी बरेलवी उलमाओं ने आज यानी 15 मई को इकट्ठा हुए थे और मौजूदा हालात को देखते हुए आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया. 

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फतवा जारी किया, जिसमें बड़ी संख्या में सुन्नी उलेमा और पत्रकार मौजूद थे. फतवे में लिखा था, "क़ुरआन में कहा गया है कि एक व्यक्ति की हत्या पूरी मानवता की हत्या है. इस्लाम के पैगंबर ने हदीस में कहा है कि एक अच्छा मुसलमान वह है जिसके हाथ, पैर और जुबान किसी को नुकसान न पहुंचाएं."

फतवे में आगे कहा गया है, "इस्लाम के पैगंबर ने एक अन्य हदीस में कहा है कि अपने देश से प्यार करना किसी के ईमान का आधा हिस्सा है. इस्लाम के पैगंबर ने एक अन्य हदीस में आगे कहा है कि मुसलमान जहां भी और जिस भी देश में रहते हैं, उन्हें उस देश की धरती से प्यार करना चाहिए. अब इस पृष्ठभूमि में, कुरान और हदीस की रोशनी में, इस्लाम स्पष्ट रूप से आतंकवादी घटनाओं की निंदा करता है.

हाफिज सईद के खिलाफ फतवा जारी
फतवे में हाफिज सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा और मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद आदि को गैर इस्लामी करार दिया गया और कहा गया कि जिन लोगों ने इस्लाम के नाम पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आदि संगठन बनाए हैं और उनके जरिए लोगों की हत्याएं कर रहे हैं, ये सभी चीजें शरीयत की रोशनी में अवैध और नाजायज और हराम हैं. इस्लाम शांति और सद्भाव का धर्म है और समाज के हर वर्ग में शांति पसंद करता है. इस्लाम के पैगंबर ने अपने पूरे जीवन में कभी भी किसी अनुयायी, मुस्लिम या गैर-मुस्लिम की हत्या का आदेश नहीं दिया. इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो किसी अन्य धर्म के अनुयायियों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा करता है. यह सभी मनुष्यों के लिए न्याय का आदेश देता है.

जानें जिहाद के बारे में क्या कहा गया?
फतवे में सख्त लहजे में कहा गया है, "इस्लाम सभी लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनके साथ अच्छा व्यवहार करने का आदेश देता है. आजकल कुछ लोग कुरआन और इस्लाम में "जिहाद" के अर्थ को गलत तरीके से पेश करके इस्लाम के नाम पर एक-दूसरे को मारने की कोशिश कर रहे हैं. यह पूरी तरह से इस्लाम और कुरान और हदीस के सिद्धांतों (नियमों) के खिलाफ है. इस्लाम ने हमें एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होने के लिए भी कहा है.

हर हाल में बना रहना चाहिए भाईचारा
फतवे में कहा गया है कि भारत को सभी धर्मों के अनुयायियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए. यह साबित है कि इस्लाम के पैगंबर ने खुद गैर-मुसलमानों के निमंत्रण को स्वीकार किया था, और यह भी साबित है कि उन्होंने गैर-मुसलमानों को आमंत्रित किया और जब कोई गैर-मुस्लिम बीमार पड़ा, तो वे उसका हालचाल जानने गए. आज के माहौल में समाज के बीच अच्छे संबंधों की जरूरत है. चाहे खुशी का मौका हो या गम का, हमें हर स्थिति में देश के भाइयों (देश में रहने वाले सभी नागरिकों) के साथ खड़ा होना चाहिए और एकता और भाईचारे का संदेश देना चाहिए.

पहलगाम हमले पर फतवा जारी
पहलगाम हमले पर फतवे में कहा गया है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. बल्कि यह आतंकवादी हमला क्रूर, निर्दयी और कायरतापूर्ण है. इसलिए हम आतंकवाद का पुरजोर विरोध करते हैं और इसकी निंदा करते हैं और हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि ऐसी सभी आतंकवादी घटनाएं शरीयत की रोशनी में जायज नहीं है और हराम भी है.

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