Pakistan on Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के एक्शन को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने बड़ा बयान दिया. पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस हमले को जायज ठहराया है, जिसकी विश्लेषकों ने आलोचना की है. जानें पूरा मामला?
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India Action on Pakistan: भारत सरकार और सेना बीते 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की घटना के बाद लगातार एक्शन मोड में है. इसकी वजह से भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ गया है. सरकार के एक्शन से पाकिस्तान सरकार में हड़कंप मच गया है. पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान का बड़ा बयान सामने आया है और वो इसमें रुस और चीन को भी शामिल करना चाहता है.
दरअसल, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की जांच के लिए रूस, चीन और पश्चिमी देशों की भागीदारी का प्रस्ताव दिया है. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल गठित किया जाए, जो यह तय करे कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सच बोल रहे हैं या झूठ. आसिफ ने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अंतरराष्ट्रीय जांच कराने का सुझाव दिया है.
ख्वाजा आसिफ ने भारत के आरोपों को 'खोखले बयान' बताते हुए कहा कि सिर्फ बातों से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस सबूत पेश किए जाने चाहिए कि पाकिस्तान या उससे जुड़े किसी तत्व का इस हमले में हाथ है. गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने हमला कर 26 बेगुनाह पर्यटकों की हत्या कर दी थी. यह घटना 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है. प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए अपराधियों और षड्यंत्रकारियों को मुंहतोड़ जवाब देने का ऐलान किया है. सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए जम्मू कश्मीर में बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने को कहा है. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई से पाकिस्तान सरकार की बौखलाहट बढ़ गई है.
एक्सपर्ट ने की आलोचना
हिंदुस्तान में छपी खबर के मुताबिक, मॉस्को स्थित अमेरिकी विश्लेषक एंड्रयू कोरिबको ने पाकिस्तान के बयानों की आलोचना की है. कोरिबको ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों के "स्वतंत्रता सेनानी" वाले बयान आतंकवाद को जायज ठहराने की कोशिश हैं. उन्होंने लिखा कि निर्दोष पर्यटकों का नरसंहार हर लिहाज से आतंकवादी कृत्य है और इसे आजादी की लड़ाई से जोड़ना सच्चे स्वतंत्रता आंदोलनों का अपमान है.
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