India Pakistan Water Dispute: पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. हालिया दिनों ब्रुसेल्स में एक इंटरव्यू के दौरान बिलावल भुट्टो ने कुबूल किया कि पाकिस्तान आतंकवाद से परेशान है और यहां भारत से ज्यादा आतंकी घटनाएं होती हैं. इस दौरान भुट्टो सिंधु जल समझौते को लेकर विवादित बयान दिया.
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Pakistan News Today: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो अक्सर अपने भारत विरोधी बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. पहलगाम आतंकी हमलों के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिये पाकिस्तान में आतंकवादियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया था. लगातार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की वजह से भारत ने 'सिंधु जल समझौता' रोक दिया, जिससे पाकिस्तान में हाहाकार मच गया. पाकिस्तान की सत्तारूढ़ नेताओं ने अपनी अवाम को बरगलाने के कई झूठे दावे कर रहे हैं.
वहीं, अब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो का एक और बेतुका बयान सामने आया है. सिंधु जल समझौता तोड़ने और पानी रोकने को लेकर बिलावल भु्ट्टो ने कहा कि भारत को यह फैसला वापस लेना पड़ेगा. यह मानवाधिकारों के खिलाफ है. भुट्टो ने कहा, "उनका (भारत) धमकी देना कि वह पाकिस्तान के पानी को रोकेंगे, यह यूनाइटेड नेशन (UN) के चार्टर का उल्लंघन है. यह न सिर्फ हमारे 'राइट टू सेल्फ डिफेंस' बल्कि यह हमारे अस्तित्व की बात है. "
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में डीडब्लूय (DW) को दिए एक इंटरव्य में पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा, "एक रियासत होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि मैं अपने लोगों को पीने का पानी पहुंचा सकूं, चाहे इसके लिए मुझे जंग ही क्यों न छेड़ना पड़े. यह हमारे लिए लार रेखा (Red Line) है." पीपीपी प्रमुख ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पाकिस्तान में आतंकवाद है और भारत से ज्यादा यहां आतंकी घटनाएं होती हैं, जिसमें उनके हाथ होते हैं. कुलभूषण जाधव इसका सबसे बड़ा सुबूत है, लेकिन आतंकवाद की वजह से हमने कभी नहीं कहा कि हम जंग करेंगे."
भारत-पाकिस्तान में बातचीत के मुद्दे पर बिलावल भुट्टो ने कहा, "वो किसी न किसी बहाने से पीछे हटना चाहते हैं." पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के डेलिगेश के अमेरिकी दौरे के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह दोनों देशों को बैठाकर कश्मीर की बात करेंगे. हालांकि, भारत कहता है कि वह कश्मीर पर बात नहीं करेंगे."
भुट्टो ने कहा,"हालिया सीजफायर अमन शांति की तरफ पहला कदम है. फिर आगे चलकर बातचीत के दायरे को व्यापक बनाना पड़ेगा. जिसमें बुनियादी और सामाजिक मुद्दों के साथ अन्य बिंदुओं पर भी बातचीत करनी पड़ेगी." उन्होंने कहा कि "हालांकि भारत कह सकता है कि वह किसी भी मुद्दे पर बातचीत नहीं करना चाहता है, हालांकि यह फैसला उनके मुल्क के फायदे में नहीं होगा."
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