मौलाना साद ने नूंह में तबलीगी जमात के एक विशाल सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि इस्लाम राष्ट्र के खिलाफ विद्रोह की इजाजत नहीं देता है.
Tablighi Jamaat Nuh 2025: हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका में तबलीगी जलसा का आयोजन हुआ था. इस जलसा में लाखों लोगों ने शिरकत की थी. इस जलसा को खिताब करते हुए हजरत मौलाना साद ने बड़ी बात कही है.
उन्होंने कहा कि इस्लाम मुल्क से बगावत की इजाजत नहीं देता और इस्लाम को मानने वाले लोग गलत काम नहीं कर सकते. इसलिए मोमिनों को गलत काम छोड़कर सही राह पर चलना चाहिए.
मौलाना साद ने आगे कहा कि सच्चे मुस्लिम को पांचों वक्त की नमाज पाबंदी के साथ अता करनी चाहिए और अपने बच्चों को मस्जिद जरूर लेकर जाना चाहिए. खासकर घर की बेटियों और महिलाओं को इस्लाम की शिक्षा देनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि नमाज अता नहीं करने पर मोमिन को किसी भी सूरत में माफी नहीं है. चलने फिरने में बीमार मोमिन को बैठकर नमाज अता करनी चाहिए.
मौलाना ने आगे कहा कि जान बूझकर एक नमाज छोडने पर 2 करोड़ 88 लाख साल जहन्नुम में जलना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को चाहिए एक दूसरे के सुख दुख में काम आए.
मौलाना शाद साहब अपने मां-बाप की नाफरमानी करने वालों को खुदा कभी माफ नहीं करता. ऐसा करने वाले लोग अल्लाह की नजरों में बड़े गुनाहगार होते हैं. मोमिन को चाहिए कि वो नबी के बताए गए तरीकों पर जिंदगी गुजारे.
आयोजन के दूसरे दिन बड़ी संख्या में मुस्लिम जलसा में हिस्सा लेने पहुंचे. जलसा में आने वालों की सेवा के लिए स्थानीय मुस्लिमों ने जगह-जगह पानी व खाने का बंदोबस्त कर रखा है.
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