Allahabad HC on Bareilly Violence: बरेली हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की लगातार कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. आरोप है कि पुलिस और प्रशासन बेगुनाहों पर भी कार्रवाई कर रहा है. इस बेलगाम कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें कई अहम बातों का जिक्र किया गया है.
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Bareilly Violence Update: बरेली हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ताबड़तोड़ मुसलमानों पर कार्रवाई कर रही है. इस मामले में अब तक पुलिस ने 83 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 120 से ज्यादा लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज की है. हिंसा के कथित मास्टमाइंड बताए जा रहे मौलाना तौकीर रजा के करीबियों के घरों और संपत्तियों पर भी कार्रवाई की जा रही है. प्रशासन के इस कार्रवाई को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से लगातार हो रही कथित पक्षपाती कार्रवाई पर लगाम लगाने केलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका ख़्वाजा गरीब नवाज़ वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि बरेली में 26 सितंबर को हुई घटना की स्वतंत्र जांच कराई जाए.
याचिका में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं. इसमें कहा गया है कि बवाल के दौरान जिस तरह से पुलिस ने एक्शन लिया, उस पर अदालत को संज्ञान लेना चाहिए. साथ ही एफआईआर दर्ज होने के बाद हो रही गिरफ्तारियों पर रोक लगाने की अपील भी की गई है. इसके अलावा याचिका में बुल्डोजर एक्शन और संपत्तियों की सीजिंग (जब्ती) कार्रवाई पर भी रोक लगाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है, ताकि बेगुनाह लोग कार्रवाई का शिकार न हों.
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