Protest for Gaza in India: इजराइल गाजा में लगातार हमले कर रहा है, जिसमें कई हजार लोगों की जान जा चुकी है. इसी के मद्देनजर मुंबई और चेन्नई में प्रोटेस्ट हुए, और इजराइल के जरिए किए जा रहे नरसंहार की निंदा की गई.
Trending Photos
)
Protest for Gaza in India: गाज़ा में जारी संघर्ष में अब तक लगभग 65,000 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इज़राइल के हमले लगातार जारी हैं. इस हिंसा के खिलाफ दुनियाभर में विरोध प्रदर्शनों की लहर उठ रही है, और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है. मुंबई में एक विशेष आयोजन के दौरान शायरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ग़ज़ा के लोगों के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की. उधर दूसरी तरफ तमिलनाडु के सीएम एमके स्टैलिन ने गाजा में हो रहे नरसंहार की निंदा की है.
कार्यक्रम में शामिल शायरों ने अपनी शायरी के ज़रिए गाज़ा के दर्द को शब्दों में ढाला. उन्होंने इज़राइल की कार्रवाई की आलोचना करते हुए फिलिस्तीनी लोगों के संघर्ष को सम्मान और समर्थन देने की अपील की. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि गाजा में हो रही तबाही मानवता के खिलाफ अपराध है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मुद्दे पर सक्रिय हस्तक्षेप और शांति की दिशा में ठोस कदम उठाने की गुजारिश की.
उधर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एम.के. स्टालिन ने चेन्नई में CPIM के जरिए किए गए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. यह प्रदर्शन गाज़ा में हो रहे नरसंहार के खिलाफ आयोजित किया गया था. स्टालिन ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह इज़रायल के हमलों को रोकने के लिए दखल दे और तत्काल युद्धविराम (सीज़फायर) की दिशा में कदम उठाए.
स्टालिन ने घोषणा की कि तमिलनाडु विधानसभा 14 अक्टूबर को एक प्रस्ताव पारित करेगी, जिसमें इज़रायल के अंधाधुंध हमलों की निंदा की जाएगी और केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा कि वह संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के माध्यम से गाज़ा में शांति और मानवीय सहायता बहाल करने के लिए कूटनीतिक कोशिश करे.
उन्होंने कहा, "यह प्रस्ताव तमिलनाडु की जनता की भावना को दर्शाएगा. मुझे विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल इस पर अपनी सहमति देंगे, चाहे उनके राजनीतिक मतभेद क्यों न हों."
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, "इज़रायल के लगातार हमलों ने न सिर्फ हमें, बल्कि पूरे विश्व को झकझोर दिया है. गाज़ा पर इज़रायल के अंधाधुंध हमले बंद होने चाहिए. वहां हो रहा नरसंहार खत्म होना चाहिए. हम इस अन्याय पर चुप नहीं रह सकते. यह कोई राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि एक मानवीय आंदोलन है. हम सभी गाज़ा में हो रहे नरसंहार की निंदा करते हैं और फिलिस्तीनी लोगों के साथ मानवाधिकारों की पूरी तरह से एकजुटता दिखाते हैं."