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Muslims का अल्पसंख्यक दर्जा खत्म करना चाहती है Punjab BJP; कर डाली रिव्यू की मांग

Muslim News: पंजाब के जालंधर में हिंसा होने के बीजेपी ने मांग की है कि मुसलमानों के अल्पसंख्यक दर्जे को खत्म किया जाना चाहिए. पार्टी का कहना है कि मुसलमानों की आबादी अब काफी बढ़ गई है.

Muslims का अल्पसंख्यक दर्जा खत्म करना चाहती है Punjab BJP; कर डाली रिव्यू की मांग

Muslim News: जालंधर में हुई साम्प्रदायिक तनाव की घटना के बाद पंजाब बीजेपी ने देश स्तर पर मुस्लिम समुदाय को दिए गए अल्पसंख्यक दर्जे की संवैधानिक समीक्षा की मांग की है. पंजाब बीजेपी के प्रवक्ता सर्चंद सिंह खियाला ने शनिवार को कहा कि आज भारत में मुस्लिम समुदाय जनसांख्यिक और राजनीतिक रूप से एक प्रभावशाली कंडीशन में है, इसलिए अब उन्हें अल्पसंख्यक नहीं माना जा सकता.

क्या बोले बीजेपी के प्रवक्ता सर्चंद सिंह?

उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यक का दर्जा तय करने के मानक नेशनल लेवल पर नहीं, बल्कि राज्यवार होने चाहिए. खियाला ने यह भी कहा कि आर्थिक आधार पर दी जाने वाली आरक्षण व्यवस्था सही नहीं है.

दरअसल, शुक्रवार शाम जालंधर में 'आई लव मोहम्मद' कैंपेन के तहत बरेली (उत्तर प्रदेश) में हुई गिरफ्तारियों के विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रशासन को ज्ञापन देने के लिए प्रदर्शन किया था. इस दौरान एक हिंदू युवक और मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के बीच विवाद हो गया. इसके बाद स्थानीय बीजेपी नेताओं और अन्य हिंदू संगठनों ने बीएमसी चौक पर धरना देते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की.

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हालांकि जालंधर की घटना पर सीधी टिप्पणी से इनकार करते हुए, खियाला ने कहा कि भारत जैसे बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश में अल्पसंख्यक की परिभाषा स्थिर नहीं रह सकती.

मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक कैटेगरी में नहीं

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय अब 'अल्पसंख्यक' की कैटेगरी में नहीं आता, क्योंकि उनकी आबादी अब 20 करोड़ से ज्यादा, यानी भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 16-17% है. उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में मुसलमान निर्णायक प्रभाव रखते हैं. ऐसे में उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा देना सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के एकदम खिलाफ है."

खिलाया ने दिया रिपोर्ट का हवाला

खियाला ने प्रधानमंत्री को पेश की गई आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में मुस्लिम आबादी का हिस्सा 1950 में 9.84% से बढ़कर 2015 में 14.09% हो गया है. यानी लगभग 43.15% का इज़ाफा, जबकि इसी अवधि में हिंदू आबादी 84.68% से घटकर 78.06% रह गई.

सरकार ने 2023 में संसद को जानकारी दी थी कि मुस्लिम जनसंख्या 197.5 मिलियन (लगभग 19.75 करोड़) से अधिक है और अब यह 20 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है. तुलना में, सिख 1.85%, ईसाई 2.36%, बौद्ध 0.81%, जैन 0.36% और पारसी मात्र 0.004% हैं.

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Sami Siddiqui

समी सिद्दीकी उप्र के शामली जिले के निवासी हैं, और 6 से दिल्ली में पत्रकारिता कर रहे हैं. राजनीति, मिडिल ईस्ट की समस्या, देश में मुस्लिम माइनॉरिटी के मसले उनके प्रिय विषय हैं. इन से जुड़ी सटीक, सत्य ...और पढ़ें

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