Salman Khan की इस एक्स गर्लफ्रेंड का पसीजा कश्मीरियों के लिए दिल, डोनेट किए 1 हजार डॉलर
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Salman Khan की इस एक्स गर्लफ्रेंड का पसीजा कश्मीरियों के लिए दिल, डोनेट किए 1 हजार डॉलर

Kashmir News: सलमान खान की तथाकथित एक्स गर्लफ्रेंड ने कश्मीरियों के लिए पीएम केयर फंड में डोनेट किया है. उनका जन्म कराची में हुआ था, लेकिन उनका कहना है कि भारत उनके लिए काफी करीब रहा है.

Salman Khan की इस एक्स गर्लफ्रेंड का पसीजा कश्मीरियों के लिए दिल, डोनेट किए 1 हजार डॉलर

Kashmir News: पूर्व अभिनेत्री और समाजसेवी सोमी अली ने हाल ही में कश्मीर में हुई हिंसा के पीड़ितों की मदद के लिए PM Cares फंड में 1,000 डॉलर (करीब 83,000 रुपये) का दान दिया है. उन्होंने कहा कि यह योगदान उन परिवारों के प्रति सम्मान और एकजुटता दिखाने का तरीका है जो इस हिंसा से प्रभावित हुए हैं.

सोमी ने क्या कहा?

सोमी ने कहा,"भारत हमेशा मेरे दिल के बहुत करीब रहा है. न्याय, इंसानियत और बलिदान में मेरा गहरा विश्वास है. मैं हमारी सेना के जवानों और कश्मीर हिंसा के पीड़ितों व उनके परिवारों की मदद के लिए यह छोटी-सी सहायता देना चाहती हूं. यह छोटा कदम उनकी बहादुरी के सामने बहुत कम है, लेकिन उम्मीद करती हूं कि यह कदम यह दिखाएगा कि इंसानियत सरहदों, धर्म और राजनीति से ऊपर है. मैं भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके साथ खड़ी हूं और हर उस परिवार के साथ हूं जिसने अपनों को खोया है."

ह्यूमन राइट्स संस्था चलाती हैं सोमी अली

सोमी अली, अमेरिका में No More Tears नाम की मानवाधिकार संस्था चलाती हैं और उन्होंने गाल ही में ‘Somyism’ नाम से एक नए आंदोलन भी शुरू किया है. सोमी अली का कहना है कि पाकिस्तान का मुस्तकबिल लड़कियों को एजुकेशन देने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और करुणा को अपनाने में है.

सोमी अली का जन्म कराची में हुआ है. उ्न्होंने कहा,"जरा सोचिए, लाहौर, रावलपिंडी और हैदराबाद की लड़कियां अगर AI एनालिस्ट, UX डिज़ाइनर या फिल्म एडिटर बनकर लंदन, दुबई या सैन फ्रांसिस्को की कंपनियों के लिए रिमोट काम करें. कारीगर और हिंसा से बचे लोग मिलकर AI आधारित आर्ट और फैशन के प्रोजेक्ट्स बनाएं, जिन्हें दुनिया के खरीदार खरीदें. महिलाएं Ethical AI प्लेटफॉर्म्स और क्रिएटिव स्टार्टअप्स बनाएं, जो समाज को बदलें और साथ ही कमाई का जरिया भी बनें. ये कोई सपना नहीं है. ऐसा बांग्लादेश, केन्या और वियतनाम में हो रहा है. तो पाकिस्तान में क्यों नहीं?"

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