Sambhal Mosque dispute HC rejects Muslim Plea: उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद, मस्जिद से पहले भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि को समर्पित हरिहर मंदिर थी या नहीं, इस बात का सर्वे किया जाएगा. सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैलसा देते हुए कहा कि सर्वे पर रोक नहीं लगेगी, सर्वे किया जाएगा. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के सर्वे ख़ारिज करने की अपील को ठुकरा दिया है.
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प्रयागराज: संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैलसा देते हुए कहा कि सर्वे पर रोक नहीं लगेगी यानी सर्वे जारी रहेगी. सिविल कोर्ट के सर्वे आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए इसपर रोक लगाने से इंकार कर दिया. इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को जहाँ करारा झटका लगा है, वहीँ कोर्ट के इस फैसले को हिन्दू पक्ष के लिए आंशिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है.
सोमवार को इलाहाबाद HC ने कहा कि उसे निचली अदालत के आदेश में कोई कमी नज़र नहीं आ रही है. HC ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए सर्वे की पूरी कवायद पर मुहर लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को भी ठुकरा दिया है कि हिन्दू पक्ष का मुकदमा सुनवाई लायक नहीं है. उन्होंने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के हवाला दिया था. हाई कोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में हिंदू पक्ष के मुकदमे की सुनवाई में कानूनी तौर पर कोई बाधा नहीं है. यानि हिंदू पक्ष का मुकदमा सुनवाई लायक है..
हाई कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति के आदेश से मुस्लिम पक्ष का कोई हित प्रभावित नहीं हुआ है. मुस्लिम पक्ष के पास आगे भी विकल्प रहेगा कि वो सर्वे रिपोर्ट को सबूत के तौर पर माने जाने पर अपना एतराज कोर्ट में रख सकते है.
गौरतलब है कि मस्जिद का सर्वे दो चरणों में 19 और 24 नवंबर को पहले ही चुका है और सर्वे की रिपोर्ट भी पेश हो चुकी है. हाई कोर्ट के सामने सवाल ये था कि 19 नवंबर को निचली अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर सर्वे का ASI को जो आदेश दिया था, वो सही था या नहीं? इस मामले में मस्जिद कमेटी का कहना था कि बिना उनका पक्ष सुने एकतरफा आदेश पास किया गया है.
यह सर्वे लोकल अदालत में कुछ लोगों द्वारा दायर याचिका के बाद किया गया, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद का स्थल पहले हरिहर मंदिर था, जो भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि को समर्पित था, तथा मंदिर को ध्वस्त करके 1526 में इसका निर्माण किया गया था.
इससे पहले, 29 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने शाही जामा मस्जिद, संभल की प्रबंधन समिति को उत्तर प्रदेश प्राधिकारियों की स्थिति रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का वक़्त दिया था, जिसमें कहा गया था कि विवादित कुआं मस्जिद के बाहर स्थित है. नवंबर 2024 में, शीर्ष अदालत ने मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और निर्देश दिया था कि जब तक सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सूचीबद्ध नहीं हो जाती, तब तक मामले की सुनवाई न की जाए. नवंबर में स्थानीय अदालत द्वारा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिए जाने के बाद संभल में तनाव बढ़ गया था.
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