Shahi Jama Masjid Sadar: संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी. जिसमें गोली लगने के 4 लोगों की मौत हो गई. इस हिंसा के बाद राज्य का सियासी पारा हाई हो गया. इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी दौरान शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने प्रशासन पर संगीन इल्जाम लगाए हैं. 


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उन्होंने दावा किया है कि एसडीएम संभल और सीओ संभल की साजिश के चलते ऐसा हुआ है. इसके बाद आज यानी 25 नवंबर को पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलाया. जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया है. सदर को थाने बुलाए जाने के बाद प्रदेश में बवाल मच गया है. लोग जानना चाहते हैं कि मस्जिद के सदर को थाने क्यों बुलाया गया था. अब इस मामले को लेकर मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज जी ने बयान जारी किया है. जिससे साफ हो गया है कि उनको किस लिए थाने में बुलाया गया था. 


अचानक क्यों बदल गए सदर के बयान
डीआईजी ने कहा है, "मस्जिद के सदर के कुछ वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें वह विरोधाभासी बयान दे रहे थे। हमने उन्हें उसी के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था. हमने उन्हें यह पूछने के लिए बुलाया था कि आपने यह बयान किस आधार पर दिया, उनके पास क्या है. यह जानने और बात करने के लिए उन्हें बुलाया गया था."


डीआईजी ने कहा है, "उनके बयान में विरोधाभास था. कल वह हमारे साथ लोगों से अपील कर रहे थे. आज उनका बयान अचानक बदल गया. उन्हें यह जानने के लिए बुलाया गया था कि वह आज ऐसा बयान क्यों दे रहे हैं."


सदर ने प्रशासन पर लगाए संगीन इल्जाम
इससे पहले मस्जिद सदर और शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने संभल में हुई हिंसा के लिए संभल के सीओ और एसडीएम को जिम्मेदार ठहराया था. मस्जिद सदर जफर अली ने दावा किया था, "यह हिंसा सिर्फ और सिर्फ पानी बाहर पंप करने की वजह से हुई है. पानी बाहर पंप करने की वजह से लोग भ्रमित हो गए और उन्हें आश्चर्य हुआ कि बिना किसी जानकारी के खुदाई कैसे हो रही है." 


एसडीएम संभल और सीओ संभल की साजिश- सदर
उन्होंने इल्जाम लगाया था, "एसडीएम संभल ने जोर देकर कहा कि पानी बाहर पंप किया जाए जबकि एसपी और डीएम कह रहे थे कि पानी की गहराई डंडे से नापी जानी चाहिए." जफर अली ने इल्जाम लगाया था कि यह हिंसा पूरी तरह से एसडीएम संभल और सीओ संभल की साजिश की वजह से हुई.