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अखिलेश से मुलाकात के दौरान आजम खान का दिखा रोला; सपा प्रमुख ने मानी सारी शर्तें!

UP Politics: उत्तर प्रदेश की सियासत में बुधवार को दो दिग्गजों की मुलाकात कई मायनों में खास रही है. रामपुर में अखिलेश यादव और आजम खान की वन-टू-वन मुलाकात हुई. मुलाकात से पहले अखिलेश यादव, आजम की शर्तें मान गए, नदवी को नहीं बुलाया गया. मुलाकात के दौरान बीवी तंजीन और बेटे अब्दुल्ला से भी कोई मुलाकात नहीं हुई.

 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने की आजम खान से मुलाकात
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने की आजम खान से मुलाकात

Akhilesh Yadav Azam Khan Meeting: कहावत है कि हिंदुस्तान की सियासत उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती है. यूपी की सियासत पर पूरे देश की नजर होती है. बुधवार (8 अक्टूबर) को यह कई मायनों में खास रहा. इसकी वजह है समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव और पूर्व मंत्री आजम खान की मुलाकात. आजम खान को प्रदेश की मुस्लिम सियासत की धुरी कहा जाता है. 

आजम खान रामपुर सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं, बीते लगभग ढाई सालों से वह जेल में थे. जेल से छूटने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बहुजन समाज पार्टी में शामिल होंगे, लेकिन बाद में इस तरह की सभी अटकलों को खारिज कर दिया. आज अखिलेश यादव और आजम खान की मुलाकात पर न सिर्फ सपा समर्थकों की बल्कि दूसरे दलों और उनके पदाधिकारियों की नजर रही. 

आजम से वन टू वन मिले अखिलेश

इस मुलाकात से पहले आजम खान ने कई शर्तें रखी थीं, जिन्हें अखिलेश यादव ने माना भी है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुलाकात के दौरान आजम खान को एक सीनियर नेता की तरह सम्मान दिया. इससे पहले आजम खां ने साफ कर दिया था कि मुलाकात में कोई तीसरा शख्स नहीं होगा. उनका इशारा रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की तरफ था. हुआ भी यही जब आजम खान की शर्त के मुताबिक सपा सुप्रीमों नदवी को बरेली में ही छोड़कर रामपुर पहुंचे और अकेले ही आजम खां से मुलाकात की.

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आजम खां ने यह भी स्पष्ट किया कि अखिलेश यादव से सिर्फ वही मिलेंगे, न उनकी बीवी और न उनका बेटा अब्दुल्ला उनसे मुलाकात करेंगे. अखिलेश और आजम की मुलाकात केवल वन-टू-वन ही हुई. अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद आजम खान काफी संतुष्ट नजर आए. मीडिया से बातचीत के दौरान यह दिखाई भी पड़ा. 

जेल से रिहाई के बाद मुलाकात की अटकलें
बता दें, 23 महीने तक जेल में रहने के दौरान अखिलेश यादव कभी आजम खां से मिलने नहीं जा सके थे. इसी बीच जमानत पर रिहाई के बाद कई अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं. सबसे ज्यादा चर्चा थी कि आजम खां समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर बीएसपी ज्वाइन कर सकते हैं. कहा जाने लगा कि लखनऊ में 9 अक्टूबर को मायवाती की अगुवाई में होने वाली बीएसपी की रैली में आजम खां भी शामिल हो सकते हैं. इन अटकलों को विराम देने के लिए अखिलेश यादव ने आजम खां से मुलाकात का ऐलान किया और बीएसपी की रैली से एक दिन पहले यानी 8 अक्टूबर की तारीख तय की.

मुलाकात से पहले आजम खां की शर्तें

अखिलेश यादव के रामपुर आने से पहले आजम खां ने मीडिया के जरिए इशारों में कई शर्तें रख दी थीं. उन्होंने स्पष्ट किया कि मुलाकात के दौरान उनके साथ सुरक्षा के अलावा कोई और नहीं होना चाहिए. न कोई सियासी शख्स और न कोई सामाजिक व्यक्ति शामिल होगा. उनका इशारा रामपुर के सांसद नदवी की तरफ था. अखिलेश ने भी आजम की भावनाओं का सम्मान किया और नदवी को रामपुर नहीं लाये. लखनऊ से बरेली विमान से पहुंचकर अखिलेश अकेले ही हेलीकॉप्टर से रामपुर पहुंचे.

आजम खां ने यह भी कहा था कि मुलाकात सिर्फ उनसे होगी, बीवी तंजीन और बेटे अब्दुल्ला से नहीं और ऐसा ही हुआ. अखिलेश यादव करीब डेढ़ घंटे तक आजम खां के घर में रहे और सिर्फ आजम खां से ही मिले. मुलाकात के बाद जब पत्नी और बेटे से मुलाकात के बारे में सवाल किया गया तो आजम खां ने कहा कि उनकी बीवी इलाज करा रही हैं और बेटा मुकदमों को लेकर अदालतों के चक्कर लगा रहा है.

मुलाकात के बाद सपा अध्यक्ष ने क्या कहा?

मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा,"आजम खान हमारी पार्टी के दरख्त हैं, जिसकी जड़े काफी गहरी हैं." उन्होंने कहा, "मैंने मुलाकात कर खराब स्वास्थ्य के बारे बातचीत की. यह बहुत बड़ी लड़ाई है, जिसे हम सब मिलकर लड़ेंगे और उम्मीद करता हूं कि उनको इंसाफ मिले." अखिलेश ने आगे कहा कि बीजेपी पता नहीं कौन सा गिनीज रिकॉर्ड बनाना चाहती है कि आजम खान और उनके परिवार पर सबसे ज्यादा केस लगा दिए. इनके बीवी, बेटे पर भी गलत केस लगाए गए हैं."

 

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