Tota Maina ki Qabr History: उत्तरप्रदेश के संभल में पौराणिक मंदिर और कूपों के साथ रहस्यमय बावड़ी और इमारतों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. चंदौसी में राजा की 200 साल से अधिक बावड़ी मिलने के बाद संभल में रहस्यमय बावड़ी और तोता-मैना की सैकड़ों साल पुरानी कब्र मिली है. संभल में मिली रहस्यमय बावड़ी इलाके के लोगों के बीच चोरों के कुंए के नाम से मशहूर है, लेकिन इस रहस्यमय बावड़ी से कुछ दूरी पर बनी एक कब्र भी कम रहस्यमय नहीं है. कब्र पर लिखी आयतें भाषा के जानकारों के लिए आज भी अनसुलझी पहेली बनी हुई है.


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इलाके के लोगों का मानना है कि इस बावड़ी के अंदर चोरों का कोई अकूत खजाना छिपा है, जिसका राज तोता-मैना की कब्र पर लिखी आयतों में छिपा है. अराजक तत्व खजाने का राज जानने के लिए कई बार कब्र के साथ तोड़फोड़ कर चुके हैं. 


पृथ्वी राज चौहान की राजधानी था संभल
दरअसल संभल का इतिहास काफी पौराणिक रहा है, संभल राजपूत राजा पृथ्वी राज चौहान की राजधानी भी रहा है. जानकारों के मुताबिक संभल में मिली विशाल रहस्यमय बावड़ी राजपूत राजा के काल में सैनिकों के ठहरने और छिपने का स्थान हुआ करता था, जो कि राजपूत काल खत्म होने के बाद इलाके में लूटमार और चोरी करने वाले डाकुओं और चोरों का ठिकाना बन गया है. डाकू और चोर इस बावड़ी में छिपने के साथ ही लूटपाट की संपत्ति के खजाने को छिपाने के लिए इस्तेमाल करते थे जिसकी वजह से इस बावड़ी का नाम चोरों का कुआं पड़ गया.


तोता-मैना की कब्र बना हुआ है एक राज
इस रहस्यमय बावड़ी के नजदीक बनी तोता-मैना की कब्र के संदर्भ में भी कहा जाता है कि तोता-मैना की यह कब्र पूर्व में राजपूत राजा पृथ्वी राज चौहान की बेटी वेला की समाधि थी. मुस्लिम शासकों ने समाधि को तोड़कर कब्र बना दी. फिलहाल हजारों साल पुरानी बावड़ी और तोता-मैना की कब्र का रहस्य आज भी लोगों के लिए राज बना हुआ है. 


डीएम ने किया निरीक्षण 
बीते बुधवार को संभल की इस रहस्यमय बावड़ी और कब्र के मिलने की जानकारी के बाद डीएम राजेंद्र पेंसिया और एस पी कृष्ण विश्नोई राजस्व और नगरपालिका के अधिकारियों की टीम के साथ बावड़ी और तोता-मैना की कब्र के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. डीएम ने बावड़ी और कब्र के निरीक्षण के बाद इनके संरक्षण और जीर्णोद्वार की बात कही है.