Uttarakhand Madarsa Board News: उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने उत्तराखंड मदरसा बोर्ड को खत्म करने के लिए नया कानून बनाया है. इस कानून के खिलाफ प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ी बात कह दी है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Uttarakhand Madarsa Board News: उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड को खत्म करने के लिए वहां की विधानसभा से उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को पास किया गया. इस विधेयक को उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भी मंजूरी दे दी है. इसी कानून के खिलाफ प्रतिक्रिया देते उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि आप किसी समुदाय को जितना अलग-थलग करेंगे, उस समाज में उतनी ही कट्टरता, तनाव और सामाजिक द्वेष बढ़ेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बुधवार (8 अक्टूबर) को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा सरकार द्वारा मदरसा बोर्ड को खत्म करने के फैसले से मदरसा शिक्षा में आधुनिकीकरण की गति रुक जाएगी. उन्होंने कहा कि श्री नारायण दत्त तिवारी की सरकार के दौरान, मदरसों में समावेशी शिक्षा और मुख्यधारा में लाने के लिए कुछ कदम उठाए गए थे, जिन पर बाद की सभी सरकारों ने आगे भी काम जारी रखा है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार द्वारा मदरसा बोर्ड के खिलाफ उठाई गई नई कदम का गलत प्रभाव आने वाले दिनों में पता चलेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मदरसों में समावेशी शिक्षा के लिए पूर्व सरकारों द्वारा लिए गए फैसलों से अलग-अलग जातियों और धर्मों के छात्र अब मदरसों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इससे राज्य पर बोझ भी कम हो रहा है.
इस कानून के किन प्रवधानों पर है आपत्ति
इस कानून के तहत उत्तराखंड मदरसा बोर्ड को खत्म कर दिया जाएगा. साथ ही उत्तराखंड शिक्षा विभाग ही मदरसों के लिए मान्यता देगा और मदरसों को उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से मान्यता लेना अनिवार्य होगा. बता दें कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. उन्होंने पिछले कुछ सालों से कथित अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ बुलडोजर अभियान चला रखा है. इस अभियान के बाद अब उत्तराखंड मदरसा बोर्ड को खत्म करने के लिए नया कानून बनाया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार पर मदरसों के खिलाफ कानून के आड़ में संयुजित हमला करने आरोप लगा रहा है.