GAZA DANGEROUS FOR CHILDREN: गाजा के हालात लगातार हो रहे हमले और मानयवीय सहायता की कमी के वजह से लगातार खराब हो रहे हैं. अब स्थिति अकाल तक पहुंच गई है. बीते दो दिनों में हुए इजरायली हमलों के बाद यूनिसेफ ने भी गाज़ा पट्टी को दुनिया में बच्चों के लिए सबसे खतरनाक जगह बताई है.
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GAZA DANGEROUS FOR CHILDREN: सीजफायर के खत्म होने के बाद से शुरू हुए हमलों से गाजा में तबाही मच गई है. लगातार हो रहे हमले और नाकेबंदी के वजह से गाजा में लोग भूखमरी और कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. अब यूनिसेफ ने भी गाज़ा पट्टी को दुनिया में बच्चों के लिए सबसे खतरनाक जगह बताई है.
गाजा के बिगड़ते हालात को देखते हुए अब यूनाइटेड नेशन इंटरनेशनल चिल्ड्रन इमरजेंसी फंड ने चेतावनी दी है कि गाज़ा पट्टी दुनिया में बच्चों के लिए सबसे खतरनाक जगह बन गई है, जहां अब कोई सुरक्षित स्थान नहीं बचा है. बीते दो दिनों में हुए इजरायली हमलों में 45 से ज्यादा फिलीस्तीनी बच्चे मारे गए हैं, जिसके बाद UNICEF ने चेतावनी जारी की है.
गाजा बच्चों के लिए खतरनाक
यूनिसेफ के मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्रीय निदेशक एडुआर्ड बेगबेडर ने कहा है कि बच्चे उन जगहों पर मारे जा रहे हैं, जिन्हें पहले सामान्य तौर पर सुरक्षित माना जाता है. ज्यादातक मौते अस्पताल, स्कूल, शेल्टर और विस्थापन शिविरों के तंबू में हो रही है. साथ ही उन्होंने कहा, "पिछले 19 महीनों में गाज़ा बच्चों के लिए लगातार जानलेवा बनता गया है."
दो महीनों में 950 से ज्यादा फिलीस्तीनी बच्चों की मौत
आगे बेगबेडर ने बताया कि बीते दो महीनों में 950 से ज्यादा फिलीस्तीनी बच्चे हवाई हमलों में मारे गए हैं और जो बच्चे जिंदा बचे हैं, वे लगातार हो रही बमबारी, भोजन, पानी और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी जैसी गंभीर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मानवीय सहायता पर लगे नाकेबंदी ने हालात और संकट को ज्यादा गंभीर बना दिया है. बच्चों के लिए खतरे सिर्फ बम और गोलियों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि भुखमरी, बीमारी और प्रदूषित पानी भी उनके लिए जानलेवा बन चुके हैं."
इंटरनेशनल कार्रवाई की मांग
बेगबेडर ने इन दुर्व्यवहारों को खत्म करने और बच्चों को हिंसा और मौत से बचाने के लिए जल्द अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने यूनिसेफ की तत्काल सीजफायर, इंटरनेशनल मानवतावादी कानून का सम्मान, बिना किसी रोक के मानवीय सहायता को पूरा करना, नागरिकों की सुरक्षा और कैदियों की रिहाई जैसे मांगों को दोहराया है.