UP Madarsa News: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रदेश में मदरसों और मस्जिदों की जांच कर रही हैं. जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अगुवाई में बलरामपुर में दर्जन भर मदरसों की जांच की गई, जिसमें कई बेजाब्तगियां सामने आई हैं. अधिकारियों ने नियमित तौर पर मदरसों के जांच के संकेत दिए हैं.
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Uttar Pradesh News Today: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार कथित अवैध मस्जिद और मदरसों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. जनपद बलरामपुर में भारत-नेपाल सीमा के नजदीक चलने वाले मदरसों की जांच में कई बड़ी बेजाब्तगियां सामने आईं हैं.जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की जांच में 12 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं. जहां निर्धारित पाठ्यक्रम भी नहीं चल रहा था. प्रशासन ने 27 अप्रैल को इन मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की है.
जांच के बाद अधिकारियों ने मदरसा संचालकों को जरुरी रिकॉर्ड पेश करने के लिए अल्टीमेटम दिया था. हालांकि मदरसा संचालक निर्धारित समय सीमा के अंदर कोई वैद्य प्रमाणिक दस्तावेज नहीं पेश कर पाए. शासन ने जांच रिपोर्ट के आधार बिना मान्यता चल रहे सभी 12 मदरसों को तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया है.
इसके अलावा दो अन्य मदरसों के जांच के दौरान विभाग को कई खामियां नजर आईं, जिसके उन्हें भी नोटिस जारी कर एक हफ्ते के भीत सभी जरुरी दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है. अधिकारियों ने दावा किया कि यह मदरसे नियम के खिलाफ चलाए जा रहे थे, इसी वजह से इन्हें भी नोटिस जारी किया गया है.
विभाग ने जिन मदरसों को बंद कराया है, वहां बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इन मदरसों में प्रमुख रूप से रतनपुर जरवा का अहले सुन्नत इमदादुल उलूम गौसिया, मझगवां जरवा का मदरसा सिराजुल उलूम, रनियापुर जरवा का टड़वा जरवा अहले सुन्नत तालिमुल कुरान, रेहरा खुर्द पचपेड़वा का मदरसा अहले सुन्नत गौसुल उलूम, बिजुआ कलां पचपेड़वा का मदरसा रहमानिया एजुकेशनल सोसाइटी और मदरसा फैजेआम सहित कई अन्य शामिल हैं.
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी अवैध रूप से चलाए जा रहे मदरसों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था को मुनज्जम तरीके से कानून और नियमों के दायरे में लाया जा सके. इतना ही नहीं अधिकारियों ने सीमावर्ती इलाकों में चलने वाले एजुकेशन इंस्टीट्यूशन की नियमित जांच के भी संकेत दिए हैं.
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