Tattoo in Islam: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद को सुंदर दिखने के लिए कई तरकीबें करते हैं. हालिया कुछ दिनों में लड़के-लड़कियां अच्छा दिखने के लिए ब्रांडेड कपड़े, जूते, ज्वेलरी समेत कई चीजें पहनते हैं. इस दौरान वह टैटू बनवाते हैं, जो इस्लामी नजरिये से गैर-इस्लामी है.
Trending Photos
Saharanpur News Today: फैशन के इस दौर में मर्द, औरत, लड़के, लड़कियों के साथ सभी उम्र के लोग सुंदर दिखने के लिए कई तरकीब अपनाते हैं. सभी जाति- मजहब से ताल्लुक रखने वाले लोग एक दूसरे से अलग और बेहतर दिखने के लिए नए डिजाइन के कपड़े, ज्वेलरी, जूते पहनते हैं. हालिया कुछ सालों में समाज के एक बड़े तबके में खूबसूरत बनने की चाह में टैटू बनवाने का रुझान बढ़ा है.
टैटू बनवाना अब एक फैशन हो गया है. आलम यह है कि टैटू जिस्म के किसी भी हिस्से पर बनवाने का फैशन माना जाता है. टैटू बनवाना साइंस के लिहाज सेहत के लिए काफी नुकसानदेह है, दूसरी तरफ इस्लाम के नजरिय से भी यह जायज नहीं है. इस्लाम में जिस्म के किसी भी हिस्से पर टैटू बनवाने की इजाजत नहीं है. उलेमा ने टैटू को गैर-इस्लामी करार दिया है.
जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इसहाक गोरा का कहना है कि टैटू बनवाना नौजवानों के बीच बढ़ता एक गैर इस्लामी रुझान है. उन्होंने कहा कि आजकल के लड़के ही नहीं लड़कियों में भी टैटू गुदवाने का फैशन हो गया और वह इसे एक तहजीब समझकर अपना रही हैं और यह आम होता जा रहा है. इसे स्टेटस सिंबल तक माना जा रहा है.
मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि मुसलमान होने के नाते बताना चाहता हूं कि इस्लाम में टैटू गुदवाने की इजाजत नहीं है. शरीयत में यह हराम है. हदीस का हवाला देते हुए इसहाक गोरा ने कहा कि जो लोग जिस्म, नैन नक्श में बनावट करते हैं और अल्लाह की बनाई हुई सूरत बदलते हैं, उस पर पैगंबर मोहम्मद (स.अ) ने लोगों पर लानत फरमाई है.
कारी इसहाक गोरा ने नसीहत देते हुए कहा कि अल्लाह ने जिसको जैसा शरीर दिया है, उसको वैसे ही वापस करना है. उन्होंने कहा कि यह नाम और टैटू हमारे साथ नहीं जाएगा. इसको जिस्म पर गुदवाने का मतलब है कि अल्लाह को नाराज करना.
मुस्लिम धर्मगुरु हाफिज कारी मोहम्मद उवैस ने टैटू बनवाने को गलत करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है. उन्होंने कहा कि सिर्फ इस्लाम धर्म को मानने वाले ही नहीं बल्कि हर धर्म के मानने वालों को शरीर पर टैटू नहीं बनवाना चाहिए. यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी नुकसानदायक है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में टैटू बनवाने की किसी भी लिहाज से इजाजत नहीं है, इसे हराम माना गया है.
मुस्लिमों को टैटू से परहेज
मुस्लिम समाज की चंद महिलाओं का कहना है कि यह उनका ज़ाति का मामला है. वे चाहें टैटू बनवाएं या फिर शरीर पर पेंटिंग. उन्हें किसी मौलवी की सलाह नहीं चाहिए. वहीं, मुस्लिम समाज में ऐसी महिलाओं की बड़ी तादाद है, जिनका कहना है कि टैटू बनवाना कुरान, हदीस और इस्लाम के खिलाफ काम है, और वह ऐसा काम बिलकुल नहीं करेंगी जिससे वह गुनाह की भागीदार बनें, क्योंकि इस्लाम किसी को भी फिर वह चाहे महिला हो या फिर पुरुष टैटू बनवाने की इजाजत नहीं देता है.
मुस्लिम समाज की ज्यादातर महिलाओं को कहना है कि वह शरियत में यकीन करती हैं और वह हदीस को मानती हैं. शरीर पर किसी भी तरह का टैटू उन्होंने आज तक नहीं बनवाया है और ना ही बनवाने की इच्छा रखती हैं. उन्होंने कहा कि अल्लाह ने हमें जैसा शरीर दिया था, मरने के बाद शरीर को वैसे ही वापस करना है. इसलिए वह टैटू बनवाकर इसे खराब नहीं करेंगी.