Darul Uloom Deoband News: यूपी के सहारनपुर में मौजूद दारुल उलूम देवबंद, देश में मदरसों को संचालित करने वाली सबसे बड़ी इस्लामिक संस्था है. हाल ही में अपनी वेबसाइट के माध्यम से एक फतवा जारी कर 'गजवा ए हिंद' को इस्लामिक दृष्टिकोण से वैध करार दे दिया है. जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. 


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सहारनपुर जिले के SSP को लिखे एक पत्र में, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने देवबंद की वेबसाइट पर प्रकाशित एक फतवे के संबंध में आयोग की आपत्ति के बारें में बताया. आयोग ने कहा कि विवादित फतवे में 'गजवा-ए-हिंद' की बात कही गई है जो कथित तौर पर "भारत पर आक्रमण के संदर्भ में शहादत" का महिमामंडन करता है. 


इन कानून के तहत होगी कार्रवाई
कानूनगो ने पत्र में किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 75 के कथित उल्लंघन पर जोर देते हुए कहा, "यह फतवा बच्चों को अपने ही देश के खिलाफ नफरत की भावना को उजागर कर रहा है और उन्हें अनावश्यक मानसिक या शारीरिक पीड़ा पहुंचा रहा है."


एनसीपीसीआर ने सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13(1) का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी सामग्री से राष्ट्र के खिलाफ नफरत भड़क सकती है. एनसीपीसीआर ने भारतीय दंड संहिता और किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है. आयोग ने तीन दिन में कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने की गुजारिश की है. 


देवबंद बोल रहा है पाकिस्तान की भाषा
इस बीच बीजेपी ने दारुल उलूम देवबंद पर जमकर हमला बोला है.  इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने इस फतवा को भारतीय संविधान विरोधी और पाकिस्तान परस्त बताते हुए कहा है कि इसका साफ संदेश है कि देवबंद को बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान में विश्वास नहीं है, भारत के संविधान में विश्वास नहीं है. इससे पता चलता है कि देवबंद पाकिस्तान परस्ती की भाषा बोल रहा है और भारत का तालिबानीकरण कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है.